Yoga Day Special: तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है उत्थित त्रिकोणासन, जानें इसकी विधि और फायदे
By: Ankur Thu, 20 June 2019 5:41:45
योग हमारे जीवन में संजीवनी बूटी बनकर आया हैं। हांलाकि भारत में योग कई सालों से हैं लेकिन अब इसकी महत्ता सभी को समझने आने लगी हैं। जी हाँ, जो रोग दवाइयों से दूर नहीं हो सकता वह योग द्वारा दूर किया जा सकता हैं। योग का स्वस्थ व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा योगदान हैं। योग की इसी महत्ता और योगदान को देखते हुए हर साल 21 जून का दिन पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं। इसी कड़ी में आज हम आपके लिए उत्थित त्रिकोणासन योग की विधि और इसके फायदों की जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
उत्थित त्रिकोणासन करने की विधि
ताड़ासन में खड़े हो जायें। श्वास अंदर लें और 3 से 4 फीट पैर खोल लें। अपने बायें पैर को 10 से 20 दर्जे अंदर को मोड़ें, और दाहिने पैर को 90 दर्जे बहार को मोड़ें। बाईं एड़ी के साथ दाहिनी एड़ी संरेखित करें। धीरे से अपने हाथ उठाएँ जब तक हाथ सीधा आपके कंधों की सीध में ना आ जायें। हथेलियाँ नीचे ज़मीन की तरफ होनी चाहिए। साँस छोड़ते हुए अपने धड़ को दाहिनी ओर मोड़ें। धड़ एकदम दाहिनी पैर की सिधाई में नीचे आना चाहिए। ध्यान रखिएं की आप अपने कूल्हे के जोड़ों से मुड़ें ना की अपनी पीठ के जोड़ों से। शुरू में शायद आपको अपना संतुलन बनाए रखने में परेशानी हो ऐसा हो तो धीरे धीरे धड़ को नीचे लायें। शुरू में ऐसा भी हो सकता है की आपके कुहले आयेज की तरफ आयें। ऐसा हो तो यह सामान्य है जैसे आपकी शरीर में लचीलापन बढ़ेगा, ऐसा होना कम हो जाएगा। अपने दाहिने हाथ को अपनी क्षमता के मुताबिक दाहिनी पैर से बाहर की तरफ फर्श पर, या टख़नों पर, या घुटनों पर रखें। ध्यान रखें की ऐसा करते वक़्त आपका धड़ और दाहिना पैर एक सीध में बने रहें। अपने बाएँ हाथ को छत की तरफ बढ़ायें अंत में आपके दोनो हाथ और छाती एक सीध में होने चाहिए। अब अपने सिर को उपर की तरफ उठाएँ ताकि आप अपने बाएँ हाथ की उंगलियों को देख सकें।
कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। जब 5 बार साँस लेने के बाद आप आसान से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए सिर को सीधा कर लें, बाएँ हाथ को नीचे कर लें, धड़ को वापिस सीधा कर लें और पैरों को वापिस अंदर ले आयें ख़तम ताड़ासन में करें। दाहिनी ओर करने के बाद यह सारे स्टेप बाईं ओर भी करें।
उत्थित त्रिकोणासन करने के फायदे
- पैरों, जांघों और टख़नों में खिचाव लाता है और उन्हे मज़बूत बनाता है।
- कूल्हों, ग्राय्न, हैमस्ट्रिंग और पिंदलियों, तथा कंधे, छाती, और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है।
- तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है।
- पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।
- रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत देता है।
- पीठ दर्द से राहत दिलाता है, ख़ास तौर से गर्भावस्था के दूसरे तिमाही में।