शारीरिक संतुलन को बढ़ाता है उत्कटासन, जानें इसकी विधि और फायदे
By: Ankur Mundra Sun, 21 June 2020 11:56:10
आज 21 जून हैं जिसे पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैं। वैसे तो इस दिन को बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते सभी अपने घर पर योग कर इस दिन को मना रहे हैं। कोरोना के कहर के इस समय में योग जरूरी भी हो जाता हैं। योग में कई तरह के आसन होते है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए उत्कटासन करने की विधि और फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
उत्कटासन करने की विधि
ताड़ासन में खड़े हो जायें। श्वास अंदर लें और घुटनों से टाँगों को मोड़ते हुए कूल्हों को नीचे की तरफ लायें। पीठ सीधी रखनी है, उसे मोड़ना नहीं है। नीचे आने की शैली ऐसी होनी चाहिए कि जैसे आप कुर्सी पर बैठने जा रहे हों। बिना संतुलन खोए जितना नीचे आ सकते हैं, उतना नीचे आ जायें। ध्यान रहे की घुटने आपके पैरों से आगे ना निकल जायें। इस मुद्रा में 1-2 साँस लें और अपना संतुलन पक्का कर लें। अब साँस अंदर लेते हुए दोनो हाथों को सिर के ऊपर उठायें और हथेलियों को जोड़ लें। हाथ सीधे होने चाहिए। सिर उठा कर दृष्टि हाथों की उंगलियों पर केंद्रित करें। कोशिश करें की आपकी पीठ सीधी रहे। कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। 5 बार साँस लेने के बाद आप इस मुद्रा से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए साँस छोड़ते हुए हाथों और सिर को नीचे कर लें, और फिर टाँगों को भी सीधा करके ताड़ासन में समाप्त करें।
उत्कटासन करने के फायदे
- टखनों, जांघों, पिंडली, और रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है।
- कंधे और छाती में खिचाव लाता है।
- पेट के अंगों, डायाफ्राम, और दिल को उत्तेजित करता है।
- फ्लैट पैर की परेशानी में मदद करता है।
- ध्यान रखने की क्षमता में सुधार लाता है।
- आपके शारीरिक संतुलन को बढ़ाता है।