ऋचा चड्ढा ग्रैमी अवॉर्ड विनर आर्टिस्ट्स एड शीरन, मैरी जे ब्लिज और दुआ लीपा के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के वीडियो में आएंगी नजर

By: Geeta Fri, 08 Mar 2019 4:07:24

ऋचा चड्ढा ग्रैमी अवॉर्ड विनर आर्टिस्ट्स एड शीरन, मैरी जे ब्लिज और दुआ लीपा के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के वीडियो में आएंगी नजर

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को विश्व भर में महिलाओं के अधिकारों के प्रति समानता के बारे में जागरूकता फैलाने वाला प्रभावशाली वीडियो जारी होने वाला है जिसमें भारतीय अभिनेत्री ऋचा चड्ढा नजर आएंगी। यह प्रोजेक्ट एक वैश्विक एनजीओ ‘द सर्किल’ द्वारा निर्देशित किया जा रहा है। यह एनजीओ महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा स्थापित किया गया है, जिसका केंद्रीय विचार जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों की कमी के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है। स्कॉटिश ग्रैमी अवॉर्ड विनिंग सिंगर एनी लेनोक्स द्वारा 2008 में स्थापित किया गया यह एनजीओ एक वीडियो लेकर आ रहा है जिसमें ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) के साथ-साथ इंटरनेशनल पॉप स्टार और ग्रैमी अवॉर्ड विनर्स मैरी जे ब्लिज, दुआ लीपा और एड शीरन भी महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाते हुए दिखाई देंगे। इनके अलावा भी वीडियो में कई और आर्टिस्ट होंगे जैसे होजयिर, ऑस्कर नामित अभिनेता रिचर्ड ई ग्रैंट और पालोमा फेथ।

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ऋचा चड्ढा (Richa Chadda) समेत वीडियो में मौजूद हर आर्टिस्ट महिलाओं के अधिकारों और महत्वपूर्ण स्थानों में उनकी मौजूदगी की कमी की सच्चाई को प्रदर्शित करेगा। इस वीडियो का उद्देश्य लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे पर बड़ी संख्या में मदद के लिए आगे आने के प्रति शिक्षित करना, उन्हें सच्चाई से वाकिफ करवाना और इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर जागरूकता फैलाना है।

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इस बारे में बोलते हुए ऋचा (Richa Chadda) ने कहा, ‘मैं इस वीडियो का हिस्सा बनकर बहुत ही उत्साहित हूं। पिछले साल हुए एक सर्वे में यह दावा किया गया था की भारत महिलाओं के लिए पूरे विश्व का सबसे ज्यादा असुरक्षित देश है जिसे सुनकर मैं काफी शर्मिंदा हूं। एक दूसरे सर्वे को पढक़र तो मैं बहुत ही परेशान हुई जिसमें लिखा था की लगभग 42 प्रतिशत महिलाएं सोचती हैं कि उन्हें पीटा जाना ठीक है। अगर हमें एक देश के रूप में वास्तव में प्रगति करनी है तो हमें अपनी मानसिकता में एक बड़ा बदलाव करना होगा। मैं मानती हूं की आपके यहां कितनी भी गगनचुंबी इमारतें हों लेकिन अगर मैं ऑफिस से अपने घर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से रात को 9 बजे बिना डरे नहीं जा सकती तो ऐसी उन्नति बिल्कुल खोखली है।’

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