पुलवामा असर: जावेद अख्तर और शबाना आजमी ने किया पाकिस्तान दौरा रद्द
By: Geeta Sun, 17 Feb 2019 01:48:59
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादी हमला होने के बाद वरिष्ठ गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) और उनकी पत्नी अभिनेत्री शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने पाकिस्तान (Pakistan) में एक कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। अख्तर ने शुक्रवार को ट्विटर पर जानकारी दी कि वे कराची आर्ट काउंसिल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कराची आर्ट काउंसिल ने कैफी आजमी और उनके काव्य पर आयोजित दो-दिवसीय साहित्य सम्मेलन में शबाना और मुझे आमंत्रित किया था। हमने वह निरस्त कर दिया है।’ एक आत्मघाती हमलावर ने गुरुवार को विस्फोटकों से भरी उसकी एसयूवी को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर सीआरपीएफ की एक बस में भिड़ा दी थी। इस आत्मघाती हमले में 49 लोगों की मौत हो चुकी है।
@Javedakhtarjadu and I were invited for a 2 day event celebrating Kaifi’s Centenary and were truly looking forward to it. I appreciate that our hosts the Karachi Arts Council mutually agreed to cancel the event at the nth hour in the wake of Pulwama attack.
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) February 15, 2019
I am filled with pain and grief and all else ..by the dastardly #Pulwama attack . For the 1st time in all these years I feel weakened in my belief that people to people contact can force the Establishment to do the right thing.We will need to call halt to cultural exchange
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) February 15, 2019
I have a special relation with CRPF. I have written Their anthem Before putting the pen to paper I met a number of CRPF officers n what ever I learned my respect admiration and love for these braves increased by many a fold Today I share the grief of the dear ones of the martyrs
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 14, 2019
हमले की निंदा करते हुए शबाना ने कहा कि वे दुख और दर्द से भरी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘इन सालों में पहली बार मुझे मेरा विश्वास कमजोर होता नजर आया है कि लोगों के बीच संपर्क होने से सही काम करने पर मजबूर कराया जा सकता है। हमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान को रोकने की जरूरत होगी। हमारे बहादुर सैनिकों के हमारे लिए शहीद होने के बाद ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान कर सकें।’