उच्च फलदायी हैं वरुथिनी एकादशी व्रत, जानें कथा और नियम

By: Ankur Mundra Sat, 18 Apr 2020 06:25:48

उच्च फलदायी हैं वरुथिनी एकादशी व्रत, जानें कथा और नियम

आज 18 अप्रैल, 2020 को वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी है जिसे वरुथिनी एकादशी के तौर पर पूजा जाता हैं। इस दिन की गई पूजा और व्रत उच्च फलदायी होते हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति को हाथी के दान और भूमि के दान करने से अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आज इस कड़ी में हम आपको वरुथिनी एकादशी व्रत कथा और इससे जुड़े जरूरी नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आपको इसका उचित लाभ मिल सकें। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

astrology tips,astrology tips in hindi,varuthini ekadashi 2020,varuthini ekadashi vrat katha ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, वरुथिनी एकादशी 2020, वरुथिनी एकादशी व्रत कथा

वरुथिनी एकादशी व्रत कथा

प्राचीन समय में नर्मदा तट पर मान्धाता नामक राजा रहता था। राजकाज करते हुए भी वह अत्यन्त दानशील और तपस्वी था। एक दिन जब वह तपस्या कर रहा था। उसी समय एक जंगली भालू आकर उसका पैर चबाने लगा। थोडी देर बाद वह राजा को घसीट कर वन में ले गया। तब राजा ने घबडाकर, तपस्या धर्म के अनुकुल क्रोध न करके भगवान श्री विष्णु से प्रार्थना की। भक्त जनों की बाद शीघ्र सुनने वाले श्री विष्णु वहां प्रकट हुए़। तथा भालू को चक्र से मार डाला। राजा का पैर भालू खा चुका था। इससे राजा बहुत ही शोकाकुल था। विष्णु जी ने उसको दु:खी देखकर कहा कि हे वत्स, मथुरा में जाकर तुम मेरी वाराह अवतार मूर्ति की पूजा वरुथिनी एकादशी का व्रत करके करों, इसके प्रभाव से तुम पुन: अंगों वाले हो जाओगें। भालू ने तुम्हारा जो अंग काटा है, वह अंग भी ठिक हो जायेगा। यह तुम्हारा पैर पूर्वजन्म के अपराध के कारण हुआ है। राजा ने इस व्रत को पूरी श्रद्वा से किया और वह फिर से सुन्दर अंगों वाला हो गया।

astrology tips,astrology tips in hindi,varuthini ekadashi 2020,varuthini ekadashi vrat katha ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, वरुथिनी एकादशी 2020, वरुथिनी एकादशी व्रत कथा

व्रत के दिन ध्यान रखने योग्य बातें

- कांसे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए।
- मांस नहीं खाना चाहिए।
- मसूर की दान नहीं खानी चाहिए।
- चना नहीं खाना चाहिए।
- करोदें नहीं खाने चाहिए।
- शाक नहीं खाना चाहिए।
- मधु नहीं खाना चाहिए।
- दूसरे से मांग कर अन्न नहीं खाना चाहिए।
- दूसरी बार भोजन नहीं करना चाहिए।
- वैवाहिक जीवन में संयम से काम लेना चाहिए।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com