किस्मत का द्वार बनती हैं वास्तु नियमों के अनुसार बनी सीढ़ियां

By: Ankur Mundra Fri, 10 Apr 2020 11:36:54

किस्मत का द्वार बनती हैं वास्तु नियमों के अनुसार बनी सीढ़ियां

वास्तुशास्त्र में घर से जुड़ी हर चीज के नियम बताए गए हैं जिनका पालन कर घर में सकारात्मकता का संचार किया जा सकता हैं। घर में उपस्थित वास्तुदोष अपने साथ कई परेशानियां लेकर आता हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए घर में उपस्थित सीढियों से जुड़े वास्तु की जानकारी लेकर आए हैं जो आपके किस्मत का द्वार बनती हैं। तो आइये जानते हैं इन वास्तु नियमों के बारे में।

- बिजली और अग्नि से संबंधित कोई भी सामान जैसे इन्वर्टर, जनरेटर, वाटर कूलर, ए.सी., मोटर, मिक्सी, मसाला या आटा पीसने की घरेलू चक्की आदि सीढ़ियों के नीचे रखना वास्तु दोष है।

- सीढ़ियों के नीचे किचन, पूजाघर, शौचालय, स्टोररूम नहीं होना चाहिए अन्यथा ऐसा करने से वहाँ निवास करने वालों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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- जहाँ तक हो सके गोलाकार सीढ़ियां नहीं बनवानी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो निर्माण इस प्रकार हो कि चढ़ते समय व्यक्ति दाहिनी तरफ मुड़ता हुआ जाए अर्थात क्लॉकवाइज़।

- एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी का अंतर 9 इंच सबसे उपयुक्त माना गया है।

- शुभ फल की प्राप्ति के लिए ध्यान रहे कि सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए।

- खुली सीढ़ियां वास्तुसम्मत नहीं होतीं अतः इनके ऊपर शेड अवश्य होना चाहिए।

- टूटी-फूटी, असुविधाजनक सीढ़ी अशांति तथा गृह क्लेश उत्पन्न करती हैं।

- सीढ़ियों के नीचे का स्थान खुला ही रहना चाहिए ऐसा करने से घर के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

- घर का मध्य भाग यानि कि ब्रह्म स्थान अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया है अतः भूलकर भी यहाँ सीढ़ियों का निर्माण नहीं कराएं अन्यथा वहाँ रहने वालों को विभिन्न प्रकार की दिक्क़तों का सामना करना पड़ सकता है।

- यदि सीढ़ियों में वास्तु दोष है और तोड़कर दोबारा बनाना संभव नहीं तो यहाँ एक पिरामिड लगा दें ,यह उपाय उत्पंन हुए दोष को कम करने में मदद करता है ।

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