भगवान कि मूर्ति स्थापित करने से पहले इन बातों का जान लेना रहता है फायदेमंद

By: Kratika Mon, 09 Apr 2018 2:59:55

भगवान कि मूर्ति स्थापित करने से पहले इन बातों का जान लेना रहता है फायदेमंद

हिन्दू परिवार के हर घर में किसी ना किसी भगवान की मूर्ति देखने को जरूर मिलती हैं। क्योंकि वह मूर्ति उनके लिए भगवान के प्रति आस्था व्यक्त करने और उनसे मिलने का जरिया होता हैं। किसी घर में तो एक से ज्यादा मूर्ति दिखाई देती हैं। मूर्ति को घर में लाना उचित है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी होता है उस मूर्ति की सही जगह स्थापना करना ताकि वह मूर्ति उचित फल प्रदान कर सकें। इसलिए आज हम आपके लिए यही जानकारी लेकर आये हैं कि कौनसे भगवान की मूर्ति की स्थापना कहाँ की जाये जो ज्यादा शुभदायक और फलदायक साबित हो।

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* गणेश जी : शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की मूर्ति हमेशा चौखट के ऊपर या मुख्य द्वार के सामने ही स्थापित करनी चाहिए। इससे जीवन सुखमय बनता हैऔर हर कार्य मंगलमय होता है।

* हनुमानजी : शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमानजी की स्थापना हमेशा घर के बाहर, मंदिर में ही करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी पवनपुत्र है, इसलिए उनको बंधन में रखना सही नहीं होता।

* लक्ष्मी माता : शास्त्रों में माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना हमेशा तिजोरी या अलमारी के अंदर धन रखने वाली जगह पर करने की बात लिखी गई है, जिससे घर धन -धान्य से भरा रहे।

* शिवलिंग : शास्त्र में लिखा है कि शिवलिंग को घर के आँगन में, तुलसी के पास, नदी किनारे या तालाब किनारे स्थापित करके पूजा करने की बात कही है। इससे जीवन में शिव कृपा बनी रहती है।

* शनि देव : शास्त्र अनुसार शनि देव को खुले मैदान, बिना छत के चौपाल पर या पीपल पेड़ के नीचे स्थापित करने की बात लिखी हुई है। शनि देव न्याय के देवता है इसलिए उनको गाँव गुडी या पाच सभा में स्थापित करने की बात भी कही गई है।

* दुर्गा मूर्ति : घर के अंदर मंदिर में माँ दुर्गा की स्थापना की बात शास्त्रों में लिखी है। इससे माता की छाया घर परिवार पर बनी रहती है और घर में किसी तरह की मनहूसियत नहीं आती।

* विष्णु : शास्त्रों में विष्णु या विष्णु अवतार भगवान की मूर्ति भी पूजा घर के मंदिर में स्थापित करने को बताया गया है। इससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है।

* सरस्वती : सरस्वती माता की मूर्ति हमेशा किताब घर में या घर की लाइब्रेरी में, संगीत कक्षा में, अभ्यास स्थान में स्थापित करने को कहा गया है। इससे माता सरस्वती की कृपा बनी रहती है।

* विश्वकर्मा : शास्त्रों में विश्वकर्मा भगवान को देवताओं के इंजिनियर कहा गया है। इसलिए इनकी मूर्ति की स्थापना निर्माण कार्य स्थान पर करना चाहिये।

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