दशहरा स्पेशल : किस तरह मनाया जाता है यह त्योहार, आइये जानते है इसके बारे में

By: Ankur Fri, 19 Oct 2018 12:58:03

दशहरा स्पेशल : किस तरह मनाया जाता है यह त्योहार, आइये जानते है इसके बारे में

दशहरा अर्थात विजयादशमी का त्योहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता हैं। आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने राक्षस रावण को मारा था। उसी तरह हमारे मन के राक्षस को मारने के लिए भी हर साल रावण-दहन का आयोजन किया जाता हैं। इस दिन कई जगह दशहरे के मैले का आयोजन भी किया जाता हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से दशहरे का त्योहार मनाया जाता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

पुराने वक़्त में इस दिन औजारों एवम हथियारों की पूजा की जाती थी, क्यूंकि वे इसे युद्ध में मिली जीत के जश्न के तौर पर देखते थे। लेकिन इन सबके पीछे एक ही कारण होता हैं बुराई पर अच्छाई की जीत। किसानो के लिए यह मेहनत की जीत के रूप में आई फसलो का जश्न एवम सैनिको के लिए युद्ध में दुश्मन पर जीत का जश्न हैं।

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कई जगहों पर इस दिन मैला लगता है, जिसमे कई दुकाने एवम खाने पीने के आयोजन होते हैं। उन्ही आयोजनों में नाट्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया जाता हैं।
इस दिन घरों में लोग अपने वाहनों को साफ़ करके उसका पूजन करते हैं। व्यापारी अपने लेखा का पूजन करते हैं। किसान अपने जानवरों एवम फसलो का पूजन करता हैं। इंजिनियर अपने औजारों एवम अपनी मशीनों का पूजन करते हैं।

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इस दिन घर के सभी पुरुष एवम बच्चे दशहरे मैदान पर जाते हैं। वहाँ रावण, कुम्भकरण एवम रावण पुत्र मेघनाथ के पुतले का दहन करते है। सभी शहर वासियों के साथ इस पौराणिक जीत का जश्न मनाते हैं। मैले का आनंद लेते हैं। उसके बाद शमी पत्र जिसे सोना चांदी कहा जाता हैं उसे अपने घर लाते हैं। घर में आने के बाद द्वार पर घर की स्त्रियाँ, तिलक लगाकर आरती उतारकर स्वागत करती हैं। माना जाता हैं कि मनुष्य अपनी बुराई का दहन करके घर लौटा है, इसलिए उसका स्वागत किया जाता हैं। इसके बाद वो व्यक्ति शमी पत्र देकर अपने से बड़ो के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेता हैं। इस प्रकार घर के सभी लोग आस पड़ोस एवम रिश्तेदारों के घर जाकर शमी पत्र देते हैं एवम बड़ो से आशीर्वाद लेते हैं, छोटो को प्यार देते हैं एवम बराबरी वालो से गले मिलकर खुशियाँ बाटते हैं।

अगर एक पंक्ति में कहे तो यह पर्व आपसी रिश्तो को मजबूत करने एवम भाईचारा बढ़ाने के लिए होता हैं, जिसमे मनुष्य अपने मन में भरे घृणा एवम बैर के मेल को साफ़ कर एक दुसरे से एक त्यौहार के माध्यम से मिलता हैं।

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