भाई दूज स्पेशल: इस दिन की जाती है यम से प्रार्थना, जानें इसका महत्व
By: Ankur Fri, 26 Oct 2018 11:55:58
हिन्दू धर्म में कार्तिक शुक्ल द्वितीया अर्थात दिवाली का दूसरा दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता हैं, जो कि भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस दिन का विशेष महत्व माना जाता हैं, आज ही के दिन देवी यमुना के भाई यमराज भी अपनी बहन से मिलने गए थे। इसलिए माना जाता है कि आज के दिन बहन के घर ही भोजन किया जाना चाहिए, जिससे भाई की उम्र बढ़ती है। आज के दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। आज हम आपको भैया दूज से जुड़े कुछ रिवाज बताने जा रहे हैं।
पूर्वांचल में भाईदूज मनाने का तरीका थोड़ा अलग है। वहां इस दिन बहनें सुबह-सुबह पूजा की तैयारी करती हैं। भाई को यमराज के दूतों से बचाने लिए पहले खूब गालियां और श्राप दिए जाते हैं। इसके बाद यम से प्रार्थना की जाती हैं, ‘हे ईश्वर, मैंने अभी तक जो कहा, वह बिल्कुल सच नहीं है। आप मेरे भाई को लम्बी उम्र प्रदान करें।’ इसके बाद रुई से माला बनाई जाती है। अगर माला कहीं भी टूट गई तो वहीं से गांठ लगाकर भाई की कलाई में पहना देती हैं और टीका लगाती हैं।
लखनऊ में भी भाईदूज करीब-करीब रक्षाबंधन जैसा ही त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तरह-तरह का श्राप देती हैं, फिर लम्बी उम्र की कामना करते हुए भोजन कराती हैं। श्राप देने के लिए ‘सांप काटे, बाघ काटे, बिच्छू काटे जो काटे सो आज काटे’ जैसे जुमले बरसों से इस्तेमाल हो रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन यम के दूत भाई के प्राण नहीं ले जाएंगे, इसलिए बहनें श्राप देकर यह कहती हैं कि भाई पर जो भी विपत्ति आनी है वह आज ही आ जाए, क्योंकि आज उसे कुछ भी नहीं हो सकता।