अमरनाथ यात्रा के बारे में यहां मिलेगी आपको हर जानकारी, जो आप जानना चाहते हैं, पढ़े ये Article
By: Nupur Rawat Tue, 27 July 2021 11:07:47
अमरनाथ यात्रा हर हिंदु भक्तों के दिल में एक विशेष स्थान रखती है। हर सालजून से अगस्त महीनों के बीच यह स्थान पर लाखों तीर्थ यात्री भगवांन शिव केदर्शनार्थ आते हैं। यह यात्रा श्रावणी मेले के दौरान होती है, जो हिंदु कैलेंडर केअनुसार श्रावण मास में आती है। यह गुफा श्रीनगर से 3,888 मीटर की ऊंचाई परलगभग 141 किमी की दूरी पर स्थित है। इस पवित्र गुफा की प्रमुख विशेषता बर्फसे प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण है जिसके चलते इसे हिमानी शिवलिंग भी कहतेहै।
कहा जाता है कि यहां पूजा करने वाले लोगों को बाबा अमरनाथ का आशीर्वाद मिलता है। यह यात्रा 46 किमी की है जो तीर्थयात्रियों को अपनी आस्था की शक्ति की आत्म-परीक्षण करने के लिए यात्रा पर ले जाती है। इस जगह से जुड़ी आस्था का अंदाजाहर साल इस स्थान पर उमड़ने वाले भक्तों की संख्या से लगाया जा सकता है।भक्तों का मानना है कि इस स्थान पर जाने से सभी सांसारिक पापों से मुक्तिमिल जाती है। लोक कथाओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहां पर भगवान शिवने देवी पार्वती को जीवन और अनंत काल का रहस्य बताया था।
अमरनाथ गुफा के बारे में बात की जाए तो यह गुफा करीब 5,000 पुरानी है जिसेहिंदु धर्मों में पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। यह देवत्व में अटूट विश्वासऔर अमरता की खोज के बारे में है। अमरनाथ गुफा के पीछे आस्था, विश्वास औरधर्म की एक मर्मस्पर्शी कहानी है। सदियों पहले की बात है, जब कश्मीर घाटी पानी के नीचे डूबी हुई थी। कहा जाताहै कि, इस गुफा की खोज ऋषि भृगु ने की थी, उन्होनें ही सबसे पहले पानी के नीचे जाने पर इस गुफा के बारे में पता लगाया था जिसमें बर्फ से लदे पहाड़ों केबीच सुरम्य गुफा का पता चलता है। यह स्थान भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है, अमरनाथ भक्तों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग सेकम नहीं है। इस गुफा के अंदर शिवलिंग बर्फ की संरचना में हैजिसे बाबाबरफानी कहां जाता है।
अमरनाथ यात्रा का इतिहास
गुफा के बारे में दिलचस्प धार्मिक कथाओं में से एक भगवान शिव और उनकीपत्नी देवी पार्वती से संबंधित है। एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव से जीवनसे जुड़ी मोक्ष और अमरता के बारे में सवाल पूछा तब इस रहस्य के बारे मेंजानकारी देने के लिए भगवान शिव एक एकांत स्थान की तलाश में अमरनाथ गुफा में गए जो कि एक आदर्श स्थान था। धार्मिक कथाओं के अनुसार, गुफा के रास्ते में शिव ने गोपनीयता बनाए रखने के लिए अपने सभी आभूषण से छुटकारा पा लिया था। गुफा के रास्ते पर पहलगाम में नंदी को छोड़ा, उसके बाद चंदनबाड़ी में चांद को छोड़ा और शेषनाग नामक स्थान पर उन्होनें सांपों को छोड़ा। भगवान गणेश को महागुन पर्वत पर छोड़ दिया
था। यह पंजतरणी में था, जहां उन्होनें पांच तत्वों- पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल औरआकाश को छोड़ा था। ये सभी स्थान लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।
अमरनाथ यात्रा 2021, के प्रमुख आकर्षण
राजसी आध्यात्मिक यात्रा - गुफा की ओर जाने वाला मार्ग 5 दिवसीय यात्रा का एक हिस्सा है। पहला पड़ाव पहलगाम में है जहां से यात्रा शुरू होती है। गुफा में प्रवेश के लिए काफी सारे ठहराव हैं, और प्रत्येक का अपना एक धार्मिक महत्व है। चंदनबाड़ी आधार शिविर यात्रा का एक प्रारंभिक बिंदु है और रास्ते में रात के दौरान कई पड़ाव है। पिस्सु टॉप, सेषनाग झील और पंचतरणी पुराने मार्ग पर प्रमुख है। दूसरा मार्ग सोनर्मग से शुरू होता है और आपको बालटाल, डोमेल और
बरारी होते हुए आपको अमरनाथ ले जाता है। कहां जाता है कि भगवान शिव ने अपनी यात्रा पुराने मार्ग से शुरू की थी।
फूड हॉल - जैसे ही आप अमरनाथ की यात्रा पर जाते है, वहां आपके लिए स्वादिष्टभोजन की प्रतिक्षा की जाती है। कई सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं,साथ ही गैर- लाभकारी संगठन, मार्ग में भोजन के स्टाल स्थापित करते है। रास्तेमें तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम शिविर का भी व्यवस्था है।
हेलिकाप्टर यात्रा - इस स्थान के दर्शन के लिए हेलिकाप्टर की सेवा भी मौजूद है। हेलिकाप्टर की सवारी एक ही समय में आरामदायक और रोमांचक दोनों है। हेलिकाप्टर सेवाएं पहलगाम और बालटाल से उपलब्ध है।