
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में सोमवार की सुबह यूक्रेन के लिए एक और काला दिन बन गया। रूस की ओर से किए गए भारी ड्रोन और मिसाइल हमलों में यूक्रेन की राजधानी कीव समेत तीन शहरों में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। हमले मुख्य रूप से रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और खेल के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए। यह हमला उस सिलसिले की अगली कड़ी है जिसमें रूस पिछले हफ्ते कीव पर भीषण बमबारी कर चुका है।
राजधानी कीव में मची तबाही, अपार्टमेंट ढहाकीव के शेवचेनकिव्स्की जिले में सोमवार तड़के मिसाइलों की सीधी चपेट में आने से एक पांच मंजिला अपार्टमेंट बिल्डिंग का हिस्सा ढह गया। इस घटना में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई लोग मलबे में दबे पाए गए, जिन्हें राहतकर्मियों ने बचाने की कोशिश की। बिल्डिंग से एक गर्भवती महिला समेत 10 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
विस्फोट के कारण आसपास खड़े दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें से कई जल भी उठे। सड़क पर मलबा बिखरा था और धुएं के गुबार से इलाका ढंका हुआ था। कई लोग वहां कंबल ओढ़े, आंसुओं के साथ अपने घरों और परिजनों को तलाशते दिखाई दिए।
चेर्निहिव और बिला त्सेरकवा में भी हमलेराजधानी से 85 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित बिला त्सेरकवा शहर में रविवार रात ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत और 8 लोग घायल हुए। वहीं, चेर्निहिव क्षेत्र में रूस द्वारा छोड़े गए शॉर्ट-रेंज ड्रोन के हमले में 2 लोगों की जान चली गई और 10 अन्य घायल हो गए। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। ये हमले दर्शाते हैं कि रूस अब यूक्रेन के भीतर और गहराई तक हमले करने की रणनीति अपना रहा है।
रूस ने छोड़े सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलेंयूक्रेन की वायु सेना के अनुसार, रविवार रात से सोमवार सुबह तक रूस ने कुल 352 ड्रोन और कई मिसाइलें दागीं। इनमें 11 बैलिस्टिक और 5 क्रूज मिसाइलें शामिल थीं। हालांकि यूक्रेनी एयर डिफेंस ने इनमें से 339 ड्रोन और 15 मिसाइलों को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही नष्ट या निष्क्रिय कर दिया।
इस बीच रूस का दावा है कि उसने यूक्रेनी क्षेत्र से छोड़े गए 23 ड्रोन को अपने इलाके में मार गिराया है।
जमीनी सच्चाई: लगातार बढ़ रहा खतरापिछले सप्ताह कीव में हुए रूसी हमले में 28 लोग मारे गए थे, जिसमें 23 लोगों की मौत एक अपार्टमेंट के मलबे में दबने से हुई थी। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने उस हमले को अब तक की सबसे भीषण बमबारी बताया था। अब एक सप्ताह के भीतर फिर से हुए ये हमले दर्शाते हैं कि रूस के हमले किसी ठहराव की ओर नहीं बढ़ रहे, बल्कि अब वे और अधिक संगठित और आक्रामक होते जा रहे हैं।
आम जनता पर सीधा असरइन हमलों का सबसे बुरा असर आम नागरिकों पर पड़ा है। जिन स्थानों पर हमले किए गए वे पूरी तरह से सैन्य ठिकाने नहीं थे। अस्पताल, रिहायशी इलाकों और खेल परिसरों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन माना जा सकता है। घटनास्थल से प्राप्त तस्वीरों में मलबे में लिपटे मासूम चेहरे, कंधों पर भारी बोझ ढोते राहतकर्मी और रोती हुई माताएं दिख रही हैं — जो युद्ध की भयावहता को बिना शब्दों के बयान कर रही हैं।
क्या अब और बिगड़ेगा युद्ध?यह सवाल अब गंभीर होता जा रहा है कि क्या रूस और यूक्रेन का यह युद्ध किसी निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है या पूरी दुनिया को एक लंबे, थकाऊ और विनाशकारी संघर्ष का गवाह बनना होगा। रूस की ओर से किए जा रहे इन लगातार हमलों को देखते हुए लगता है कि संघर्ष का कोई त्वरित समाधान नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र और नाटो की ओर से अब तक केवल निंदा और सैन्य समर्थन देखने को मिला है, लेकिन शांति की दिशा में कोई निर्णायक कूटनीतिक प्रयास सफल नहीं हो सका है।