
ईरान और इजरायल के बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में यह दावा किया गया कि पाकिस्तान ने ईरान को आश्वासन दिया है कि अगर इजरायल ने उस पर परमाणु हमला किया तो पाकिस्तान भी इजरायल पर परमाणु हमला करेगा।
इस वायरल दावे को लेकर पाकिस्तान की सरकार की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इस वायरल वीडियो को पूरी तरह झूठा, भ्रामक और मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा कि इससे पाकिस्तान की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
इशाक डार बोले – झूठा है वायरल वीडियो, न करें भरोसापाकिस्तानी संसद में बोलते हुए, विदेश मंत्री डार ने स्पष्ट रूप से कहा कि सोशल मीडिया पर जिस वीडियो में एक ईरानी जनरल का बयान बताया जा रहा है, वह गलत संदर्भ में गढ़ा गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और ईरान के संबंधों को खराब करने की यह एक साजिश है और देश की परमाणु नीति में 1998 से अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इशाक डार ने दो टूक कहा, 'पाकिस्तान ने ऐसा कोई वादा नहीं किया है जैसा इस वीडियो में दावा किया गया है।' उन्होंने इसे गैर-जिम्मेदाराना प्रचार बताया और जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की परमाणु नीति केवल आत्मरक्षा के लिए है, और उस नीति से हम कभी नहीं हटे हैं।
इजरायल को चेतावनी – पाकिस्तान पूरी तरह सतर्कआज तक की रिपोर्ट के अनुसार, डार ने इजरायल को भी चेतावनी दी और कड़े शब्दों में कहा, इजरायल पाकिस्तान की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। हमारे पास जवाब देने की पूरी सामर्थ्य है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तानी सेना पूर्णतः सतर्क और तैयार है, किसी भी तरह की आक्रामकता का जवाब देने के लिए।
ट्रंप वाले वीडियो पर भी बोले डार – बताया AI जनरेटेडइशाक डार ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी एक वायरल क्लिप पर भी टिप्पणी की। उस वीडियो में दावा किया गया था कि ट्रंप ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि वह ईरान-इजरायल विवाद से दूर रहे। इस पर डार ने कहा कि वह वीडियो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जनरेट किया गया है और उसकी कोई वैधता नहीं है।
जनता से अपील – केवल सरकारी स्रोतों पर करें भरोसाअंत में डार ने जनता से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और असत्यापित खबरों पर भरोसा न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी जानकारी को सरकारी स्रोतों से ही पुष्ट करें, ताकि देश के खिलाफ दुष्प्रचार को फैलने से रोका जा सके।