'भारत पर 50% टैरिफ लगाना आसान नहीं था', व्हाइट हाउस में बोले ट्रंप – मतभेदों पर खुलकर की बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (12 सितंबर, 2025) को व्हाइट हाउस में बयान देते हुए माना कि भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ ने दोनों देशों के बीच तनाव और मतभेद की स्थिति पैदा कर दी है। ट्रंप ने साफ कहा कि भारत पर इतने ऊंचे टैरिफ लागू करना कोई आसान फैसला नहीं था, लेकिन हालात ने यह कदम उठाने को मजबूर किया।

क्यों लगाया गया था टैरिफ?

दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीदारी जारी रखने के चलते यह कड़ा फैसला लिया था। इस टैरिफ में 25 प्रतिशत सामान्य शुल्क और अतिरिक्त 25 प्रतिशत पेनाल्टी शुल्क शामिल है। इस कदम ने दोनों देशों की व्यापारिक रिश्तों में खिंचाव बढ़ा दिया, हालांकि अब संकेत मिल रहे हैं कि वार्ता से हालात सुधर सकते हैं।

समझौते की ओर बढ़ रहे हैं कदम

भारत और अमेरिका के बीच जारी इस तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक कोशिशें तेज हो गई हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में सर्जियो गोर को भारत में राजदूत पद के लिए नामित किया है। गोर ने जानकारी दी कि आने वाले हफ्ते में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को वॉशिंगटन बुलाया गया है और दोनों देशों के बीच एक अहम समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है।

गोर ने कहा, “हम भारतीय नेतृत्व से लगातार बातचीत कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने भारत के वाणिज्य और व्यापार मंत्रियों को अगले हफ्ते मुलाकात के लिए आमंत्रित किया है। इस दौरान वे नामित राजदूत ग्रीर से भी मुलाकात करेंगे। चर्चा का मुख्य एजेंडा संभावित समझौते को अंतिम रूप देना होगा। हम अब बहुत करीब हैं, सिर्फ कुछ बारीक मुद्दों पर सहमति बनना बाकी है।”

क्वाड पर अमेरिका की प्रतिबद्धता

सर्जियो गोर ने आगे यह भी दोहराया कि अमेरिका क्वाड समूह (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने इस संगठन को बेहद अहम करार देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

गोर ने बताया, “राष्ट्रपति का मानना है कि क्वाड को लगातार सक्रिय और मजबूत बनाए रखना जरूरी है। अगली बैठक को लेकर उनकी यात्रा पर पहले से बातचीत हो चुकी है। हाल ही में भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व के बीच सोशल मीडिया पर सकारात्मक संदेशों का आदान-प्रदान हुआ है, जो इस बात का संकेत है कि रिश्तों में सुधार की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।”