आखिर क्यों इस मंदिर में जाने से कतराता है इंसान, पास जाते ही कांपने लगते है पैर

मंदिर एक ऐसी जगह होती है जहाँ सभी ओर सकारात्मकता होती हैं और व्यक्ति के मन को सुकून मिलता हैं। सभी अपने मन को शांत करने और दुखों के नाश के लिए मंदिर जाना पसंद करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ जाने से इंसान कतराता हैं और पास जाते ही उनके पैर कांपने लगते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता हैं आइये हम बताते हैं आपको इसके पीछे की पूरी सच्चाई।

यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के चम्बा के एक छोटे से कस्बे भरमोर में स्थित है। यह मंदिर देखने में तो काफी छोटा है, लेकिन इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। कहा जाता है कि लोग इस मंदिर के अंदर जाने की गलती कभी नहीं करते हैं। वो बाहर से ही भगवान की प्रार्थना करके निकल जाते हैं।

दरअसल, यह मंदिर मृत्यु के देवता यमराज का है। यही वजह है कि लोग इस मंदिर के पास जाने से भी डरते हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जो यमराज को समर्पित है। लोगों का कहना है कि इस मंदिर को यमराज के लिए ही बनाया गया है, इसलिए इसके अंदर उनके अलावा और कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है।

गांव के लोगों का कहना है कि इस मंदिर में चित्रगुप्त के लिए भी एक कमरा बनाया गया है, जिसमें वो इंसानों के अच्छे-बुरे कामों का लेखा-जोखा एक किताब में रखते हैं। दरअसल, मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात, पृथ्वी पर उनके द्वारा किए गये कार्यों के आधार पर उनके लिए स्वर्ग या नर्क का निर्णय लेने का अधिकार चित्रगुप्त के ही पास है। यानी किस मनुष्य को स्वर्ग मिलेगा और कौन नर्क में जाएगा, इसका फैसला चित्रगुप्त ही करते हैं।

कहा जाता है कि इस मंदिर के अंदर चार छिपे हुए दरवाजे हैं जो कि सोने, चांदी, तांबे और लोहे के बने हुए हैं। माना जाता है कि जो लोग ज्यादा पाप करते हैं, उनकी आत्मा लोहे के गेट से अंदर जाती है और जिसने पुण्य किया हो, उसकी आत्मा सोने के गेट के अंदर जाती है।