वर्तमान समय में तकनिकी का बहुत इस्तेमाल किया जाने लगा हैं, खासतौर से पैसों के लेनदेन में। इस समय में ATM का बहुत इस्तेमाल किया जाता हैं जो मशीन से पैसे निकालने का काम करता हैं। इसके लिए आपको अपने ATM कार्ड और पिन की जरूरत पड़ती हैं। आपका पिन ही कार्ड की सिक्योरिटी होती हैं जिसे समय-समय पर बदलते रहने की जरूरत होती हैं। वर्तमान में एटीएम पिन 4 अंकों का हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे पहले यह 6 अंकों का होता था। इस एटीएम पिन के बदलाव से एक बेहद दिलचस्प जानकारी जुड़ी हुई हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...
दरअसल, दुनिया में एटीएम मशीन की खोज करने वाले स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक जॉन एड्रियन शेफर्ड बैरन जब एटीएम मशीन बनाकर इसमें कोडिंग सिस्टम लगा रहे थे, तो जॉन शुरू में इसे 6 अंकों का करना चाहते थे। ऐसे में जब उन्होंने अपनी पत्नी कैरोलिन को एटीएम प्रयोग करने के लिए दिया तो कैरोलिन बार-बार 2 अंक भूल जाती थीं और उन्हें हमेशा 4 अंक ही याद रह जाते थे। ऐसे में जॉन ने अनुमान लगाया कि औसतन इंसानों का दिमाग 6 अंक की बजाय 4 अंक ही याद रख पाता है।इसके बाद जॉन ने एटीएम पिन 6 अंकों की बजाय 4 अंकों का ही कर दिया। हालांकि, 6 अंकों का पिन रखने के पीछे जॉन का मकसद एटीएम का सुरक्षित होना था। 4 अंकों के एटीएम पिन 0000 से 9999 के बीच होते हैं जिससे अलग-अलग 10000 पिन नंबर बनाए जा सकते हैं। इनमें 20 फीसदी नंबर बड़ी आसानी से हैक किए जा सकते हैं। हालांकि, 4 अंकों के पिन भी ज्यादा सुरक्षित होते हैं, लेकिन 6 अंकों के पिन से कम सुरक्षित होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कई देशों में आज भी 6 अंकों के एटीएम पिन का उपयोग किया जाता है।