हमारे देश को अपनी संस्कृति और रीती-रिवाज के लिए जाना जाता हैं। देश के हर हिस्से की अपनी विशेष प्रथा हैं और जो उन्हें स्पेशल बनाती है। खासतौर से हमर देश में शादी से जुड़ी कई अनोखी प्रथाएँ देखने को मिलती हैं। इसी कड़ी में आज हम आपके लिए एक ऐसी ही अनोखी प्रथा की जानकारी लेकर आए हैं जिसमें दूल्हे को शादी में शामिल होने नहीं दिया जाता हैं और अनोखे तरीके से रस्मों की पूर्ती की जाती हैं। तो आइये जानते हैं इस अनोखी शादी की प्रथा के बारे में।
दरअसल, छोटा उदयपुर शहर में आदिवासियों के यहां होने वाली शादियों में दूल्हा शामिल ही नहीं होता है। शादी में दूल्हे की जगह उसकी अविवाहित बहन या उसके परिवार की कोई और अविवाहित महिला दूल्हे का प्रतिनिधित्व करती है। दूल्हा घर पर अपनी मां के साथ रुका रहता है।
वहीं दूल्हे की बहन बारात लेकर दुल्हन के घर जाती है और उससे शादी करती है। शादी की पूरी प्रक्रिया दूल्हे की बहन ही पूरा करती है। खबरों के अनुसार सुरखेड़ा गांव के लोगों ने बताया कि सारे रस्म दूल्हे की बहन द्वारा ही पूरे किए जाते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि दूल्हे की बहन ही मंगल फेरे लेती है। यह प्रथा तीन गांव में चलती है। ऐसा माना जाता है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कुछ नुकसान होता है।
गांव के मुखिया रामसिंहभाई राथवा ने बताया कि कई लोगों ने इस प्रथा को तोड़ने की कोशिश की फिर उनके साथ बुरा हुआ। या तो उनकी शादी टूट गई या घर में अलग तरह की परेशानियां आईं।