
राजस्थान से एक बेहद विचलित कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बेटे ने अपनी मां के अंतिम संस्कार को सिर्फ इस वजह से रोक दिया क्योंकि उसे चांदी के जेवर नहीं मिले। कोटपूतली-बहरोड़ जिले में हुई इस घटना ने लोगों को हैरान कर दिया। जानकारी के अनुसार, भूरी देवी नामक एक वृद्ध महिला का निधन हो गया था। अंतिम संस्कार की तैयारी के समय उनका बेटा ओमप्रकाश चिता पर ही लेट गया और खूब बवाल किया।
ओमप्रकाश अपनी मां के चांदी के कड़े मांग रहा था और उनकी गैरमौजूदगी में वे गहने सबसे बड़े बेटे गिरधारी को दे दिए गए थे। भूरी देवी के कुल सात बेटे हैं, जिनमें से छह एक साथ रहते हैं, जबकि ओमप्रकाश अलग रहता है। बताया गया कि जब मां की मौत हुई तब ओमप्रकाश घर पर नहीं था, लेकिन जैसे ही लौटा, उसने चांदी के जेवर को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।
श्मशान घाट में हंगामा का नज़ारामां की मौत की खबर मिलने पर ओमप्रकाश घर आया और शुरुआती प्रक्रिया में शांत रहा। उसने अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट तक साथ गया। लेकिन जैसे ही शव को चिता पर रखने की बारी आई, ओमप्रकाश ने चिता पर लेटकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। करीब दो घंटे तक वह चिल्लाता रहा और अंतिम संस्कार को रोक दिया। ग्रामीणों और परिवार के अन्य लोगों ने उसे शांत कराने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ।
चांदी के कंगन लाकर किया गया मामला शांतदरअसल, ओमप्रकाश का अपने भाइयों से संपत्ति को लेकर पहले से विवाद चल रहा था। जब उसे पता चला कि मां के चांदी के गहने बड़े भाई गिरधारी को दे दिए गए हैं, तो वह आगबबूला हो गया। अंततः परिजनों ने घर से वह चांदी के कड़े मंगवाए और श्मशान घाट पर ओमप्रकाश को सौंपे। इसके बाद ही वह चिता से उठा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आगे बढ़ सकी।
भूरी देवी के पति की मृत्यु दो साल पहले हो चुकी थी और चिता पर लेटने वाला बेटा सात भाइयों में पांचवें नंबर पर आता है। यह घटना पुरानी है लेकिन अब इसका वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इस अमानवीय व्यवहार की आलोचना कर रहे हैं।