गुजरात के बालासिनोर में देश का पहला और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डायनासोर और फॉसिल पार्क जल्द ही आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। डायनासोर के 6.5 करोड़ साल के इतिहास को बताने के लिए यह देश का पहला आधुनिक म्यूजियम होगा। यहां डायनासोर के रहन-सहन, खान-पान और उनकी जीवन से जुड़ी सभी जानकारी मुहैया कराई जाएंगी।
राज्य के पर्यटन मंत्री जवाहर चावड़ा ने हाल ही में पार्क का दौरा किया। गुजरात के पर्यटन विभाग ने 128 एकड़ में यह पार्क बनाया है। 36 साल पहले यहीं डायनासोर के जीवाश्म पाए गए थे। बालासिनोर से 11 किलोमीटर दूर रैयोली गांव पेलियोन्टोलॉजिस्ट (डायनासोर के विशेषज्ञ) का सालों से शोध का केंद्र रहा है। पेलियोन्टोलॉजिस्ट का मानना है कि डायनासोर की लगभत सात प्रजातियां यहां रहती थीं।
यहां डायनासोर के 10 हजार अंडों के अवशेष पाए गए थे। इसे दुनिया में डायनासोर का तीसरा सबसे बड़ा जीवाश्म स्थल भी माना जाता है। साल 2003 में कुछ नई प्रजातियां भी खुदाई के दौरान पाई गई थीं। यहां इनकी हडि्डयां भी नर्मदा नदी के किनारे मिलीं। 2003 में यहां जो कंकाल पाए गए थे, उसमें मस्तिष्क, मेरुदंड, कमर, पैर और पूंछ की हडि्डयां मुख्य थी।
म्यूजियम की टाइम मशीन में विश्व और गुजरात के अलग-अलग डायनासोर के अवशेषों को दिखाया जाएगा। इसके अलावा 5डी थिएटर और थ्रीडी फिल्म होंगी। डायनासोर डिस्प्ले, राजा सौरस डायनासोर का स्कल्पचर, इवोलुशन ऑफ अर्थ का डिजिटल डिस्प्ले, वॉल आर्ट आदि मुख्य हैं।