स्कैंडनिविया की सड़कों पर इस समय ड्राइवरलेस और बिना केबिन वाले इलेक्ट्रिक ट्रक का प्रयोग चल रहा है। अगर यह प्रयोग सफल हो जाता है तो इसकी कमर्शियल लॉन्चिंग की जाएगी। ट्रक का पूरा सिस्टम 5जी नेटवर्क के माध्यम से कनेक्ट रहता है और इसमें 3डी सेंसर से लैस 360 डिग्री घूमने वाले कैमरे और रडार लगे हैं। ट्रक को बनाने वाली कंपनी इनिराइड एंड लॉजिस्टिक्स के डीबी शेंकर ने गुरुवार को बताया कि यह दुनिया का अपनी तरह का पहला ट्रक है। इसे औद्योगिक क्षेत्र के एक वेयरहाउस और टर्मिनल के बीच ट्रायल के लिए दिसंबर 2020 तक का लाइसेंस दिया गया है। इसकी रफ्तार 85 किमी प्रतिघंटा है, लेकिन इसकी टेस्टिंग 5 किमी प्रतिघंटे के हिसाब से की गई। ट्रक एनवीडिया द्वारा निर्मित एक ऑटोमैटिक ड्राइविंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है।
बता दे, गूगल सबसे पहले ड्राइवरलेस कार की लॉन्चिंग कर चुका है। भारत में भी इंफोसिस, ओला, टाटा समेत देश की कई प्रतिष्ठित कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं। टेक्नोलॉजी के सफल होने से सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम से निजात मिलने की संभावना है।