भारतीय सेना के सबसे खतरनाक कमांडो फोर्सेस

भारतीय सेना को अपनी वीरता और बहादुरी के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता हैं। थोड़े ही समय पहले भारतीय कमांडोज ने अपनी वीरता का परचम लहराते हुए पीओके पार कर सर्जिकल स्ट्राइक की, जिस ऑपरेशन में आतंकियों के कई कैंप को ध्वस्त किया। इस ऑपरेशन को सेना के स्पेशल कंमाडों द्वारा अंजाम दिया गया। ऐसे खतरनाक कमांडोज की भारतीय सेना में कई टुकडियां हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं भारतीय सेना के सबसे खतरनाक कमांडो फोर्सेस के बारे में।


* मार्कोस मरीन कमांडो : मार्कोस मरीन कमांडो सबसे ट्रेंड और आधुनिक माने जाते हैं। मार्कोस को दुनिया के बेहतरीन यूएस नेवी सील्स की तर्ज पर तैयार किया गया है। मार्कोस कमांडो बनाना आसान नहीं है। इसके लिए कड़े इम्तहान से होकर गुजरना पड़ता है फिर कमांडोज चुने जाते हैं।इन्हें अमेरिकी और ब्रिटिश सील्स के साथ ढाई साल की कड़ी ट्रेनिंग करनी होती है। देश के ये कमांडो जमीन, समंदर और हवा में लड़ने के लिए पूरी तरह से सक्षम होते हैं। मार्कोस कमांडो भारतीय नौसेना का हिस्सा है।

* एनएसजी/ब्लैक कैट कमांडो : एन।एस।जी या ब्लैक कैट कमांडो देश में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध स्पेशल कमांडो फ़ोर्स में से एक है। यह फ़ोर्स अपने काम को करने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाती। फिर चाहे वह दुश्मन को ढूंढकर निकालना हो या फिर देश में घुसे आतंकवादियों को मारना हो। 1984 में इस फोर्स का गठन किया गया था। यह फ़ोर्स ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ के मोटो पर काम करती है। 26/11 के मुंबई हमले में बिना किसी मुसीबत के सफलतापूर्वक आतंकियों से निपटने में इन कमांडो का बहुत बड़ा हाथ था। ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ जैसे बड़े मिशन को भी इस फोर्स ने बड़ी समझदारी से संभाला था।

* एलीट पैराकमांडोज : भारतीय सेना की इस यूनिट में 1000 स्पेशल कमांडोज हैं। पैराशूट रेजिमेंट की इस स्पेशल फोर्स का निर्माण इंडिया पाक के बीच हुए 1965 के युद्ध के दौरान किया गया था। एलीट पैराकमांडोज के कमांडो इजराइली टेओर असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं।

* गरुड़ कमांडो फोर्स : इंडियन एयरफोर्स ने 2004 में अपने एयर बेस की सुरक्षा के लिए इस फोर्स की स्थापना की। मगर गरुण को युद्ध के दौरान दुश्मन की सीमा के पीछे काम करने के लिए ट्रेंड किया गया है। आर्मी फोर्सेस से अलग ये कमांडो काली टोपी पहनते हैं। हलांकि अब तक इन्होंने कोई भारी लड़ाई नहीं लड़ी है और इन्हें मुख्य तौर पर माओवादियों के खिलाफ मुहिम में शामिल किया जाता रहा है।

* स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) : अपने ट्रेडमार्क सफारी सूट में दिखने वाली एसपीजी को देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है। इसका गठन 1985 में पूर्व प्रधानंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। अब इसके कमांडो फोर्स पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

* सीआरपीएफ की कमांडो फोर्स कोबरा : सीआरपीएफ की कमांडो फोर्स कोबरा कमांडो बटालियन फॉर रिज्योल्यूट एक्शन, नक्सल समस्या से लड़ने के लिए बनाई गई है। ये दुनिया के बेस्ट पैरामिलिट्री फोर्सेस में से एक है, जिन्हें विशेष गोरिल्ला ट्रेनिंग दी जाती है। दिल्ली में संसद और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए भी इन्हें तैनात किया गया है।

* इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस : आईटीबीपी के स्पेशल कमांडोज ने मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के बाद मुख्य अभियुक्त अजमल कसाब को मुंबई जेल में रखने में अहम भूमिका निभाई थी। दिल्ली की तिहाड़ जेल की निगरानी की कमान भी इन्हीं के हाथों में है। इसके साथ ही ये भारत-चीन सीमा की भी विशेष निगरानी करते हैं।

* पैरा कमांडो : सेना के सिर्फ उन्हीं जवानों को इस स्पेशल फोर्स का हिस्सा बनने का मौका मिलता है जो शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ और बलवान होने के साथ ही बेहद समझदार और प्रेरित हों। इन कमांडो की शुरुआत शरीर पर 65 किलो वजन और कई किलोमीटर दौड़ के साथ होती है। पैरा कमांडोज के जिम्मे स्पेशल ऑपरेशन, बंधक समस्या, एंटी टेरर ऑपरेशन और दुश्मन को तबाह करने जैसे मुश्किल कार्य आते हैं।