कोरोना मरीजों के लिए मसीहा बना ये शिक्षक, पेशे से हटकर इस तरह कर रहा मदद

कोरोना की दूसरी लहर हर दिन खतरनाक होती जा रही है। देश में शुक्रवार को रिकॉर्ड 4 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज मिले। वहीं, 3,521 लोगों की मौत भी हुई। सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई, जहां 828 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। बता दे, महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा संक्रमित राज्य है। यहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए महाराष्ट्र में सख्त पाबंदियां जारी हैं। लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है। ऐसे में पेशे से शिक्षक दत्तात्रेय सावंत रोज घर से बाहर निकल रहे हैं। वे अब ऑटो रिक्शा चलाने लगे हैं। वे इस मुश्किल दौर में समाज के प्रभावित लोगों की मदद कर रहे है। दत्तात्रेय सावंत कोरोना संक्रमित मरीजों को घर से लेकर अस्पताल तक जाना और वापस घर पहुँचाने का काम करते है। इतना ही नहीं मरीजों को यह सवारी शिक्षक की तरफ से मुफ्त दी जा रही है।

दत्तात्रेय सावंत मरीजों की मदद करने के दौरान पूरी सावधानियां रखते हैं। वे वाहन को लगातार सैनिटाइज करते हैं और हर समय पीपीई किट पहने हुए रहते हैं। वे कहते हैं 'इसके लिए मैं सभी सुरक्षा उपाय करता हूं। फिलहाल कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमें से कई समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से मर रहे हैं।'

वे बताते हैं 'ऐसे हालात में गरीब मरीजों को समय पर सरकारी मदद मिले या नहीं, निजी एंबुलेंस सस्ती नहीं होती और आमतौर पर निजी वाहन कोविड मरीजों को सेवाएं नहीं देते। ऐसे मामलों में मेरी मुफ्त सेवा मरीजों के लिए जारी रहेगी।'

उन्होंने कहा 'मैं मरीजों को केयर सेंटर्स और अस्पतालों में मुफ्त पहुंचाता हूं। साथ ही अस्पताल से छुट्टी पा चुके मरीजों को उनके घर लेकर आता हूं।'

सावंत बीते कुछ दिनों से लगातार उत्तर-पूर्वी मुंबई में अपनी मुफ्त सेवा चला रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने अब तक 26 कोविड मरीजों को मुफ्त यात्रा कराई है। इसके अलावा हर कोई उनके काम की सराहना कर रहा है।