राजधानी लखनऊ के एक निजी अस्पताल में युवक को मृत घोषित कर दिया गया। परिजन शव को घर ले आए। लेकिन चार घंटे बाद घर पर दाह संस्कार की तैयारी के दौरान अचानक युवक ने आंखें खोलीं। यह देखकर हड़कंप मच गया। युवक ने इशारे से पानी मांगा और कप भरके पानी पीया। आनन-फानन में परिजन उसे बलरामपुर अस्पताल ले गए, जहां फिर से डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमीनाबाद के कल्लन की लाट निवासी गुरु प्रसाद के पुत्र संजय (28) की तबीयत खराब थी। उसे क्लीनिक पर दिखाया, जहां डॉक्टरों ने पीलिया बताया। चार-पांच दिन इलाज किया, पर फायदा नहीं हुआ।
फायदा न होने पर शनिवार को नक्खास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौसेरी बहन रजनी के मुताबिक, संजय को सुबह 6 बजे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। इस पर उसका शव लेकर घर आ गए। करीब 10 बजे दाह संस्कार की तैयारी के दौरान अचानक संजय के शरीर में हरकत हुई। थोड़ी देर में उसने आंखें खोल लीं। उसने पानी के लिए इशारा किया। इसके बाद उसने एक कप पानी पिया। घरवाले उसे बलरामपुर अस्पताल लेकर भागे। यहां इमरजेंसी में डॉक्टरों ने संजय को मृत घोषित कर दिया।परिजनों के मुताबिक निजी अस्पताल में मृत घोषित होने के बाद संजय का शरीर सफेद कपड़े से ढक दिया गया। इस दौरान उनके शरीर से पसीना लगातार आ रहा था। वहीं, जब आंख खोली तो सभी देखकर हैरान रह गए। दाह संस्कार के लिए जाने के बजाए सीधे बलरामपुर अस्पताल ले गए।