यह तो आप सभी जानते ही हैं कि इस धरती का 71 फीसदी हिस्से पर पानी हैं जो कि कुल पांच महासागर में बंटा हुआ हैं। इन 5 महासागरों में सबसे बड़ा महासागर हैं प्रशांत महासागर। लेकिन इससे जुड़ी कुछ बातें इतनी रोचक हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं रोचक बातों की जानकारी देने जा रहे हैं। प्रशांत महासागर है, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है। आपको शायद ही ये पता हो कि दुनिया का सबसे बड़ा महासागर अमेरिका और एशिया को पृथक करता है। प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल 6,36,34,000 वर्ग मील यानी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े महासागर अटलांटिक महासागर के दोगुने से भी अधिक है।
प्रशांत महासागर फिलीपींस तट से लेकर पनामा तक 9,455 मील चौड़ा और बेरिंग जलडमरूमध्य से लेकर दक्षिण अंटार्कटिका तक 10,492 मील लंबा है। हालांकि इसका उत्तरी किनारा सिर्फ 36 मील के बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा आर्कटिक सागर से जुड़ा है। इसके इतने बड़े क्षेत्र में फैले होने की वजह से ही यहां के निवासी, वनस्पति, पशु और इंसानों के रहन-सहन में धरती के अन्य भागों के सागरों की अपेक्षा बड़ी विभिन्नता है।
प्रशांत महासागर की औसत गहराई लगभग 14,000 फीट है और अधिकतम गहराई लगभग 36,201 फीट है। इसके पूर्वी और पश्चिमी किनारों में बड़ा अंतर है। पूर्वी किनारे पर पर्वतों का क्रम फैला है या समुद्री मैदान बहुत ही संकरे हैं जबकि इसके विपरीत इसके पश्चिमी किनारे पर पर्वत नहीं हैं बल्कि कई द्वीप, खाड़ियां, प्रायद्वीप और डेल्टा हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी किनारे पर दुनिया की बड़ी-बड़ी नदियां इसमें गिरती हैं।
प्रशांत महासागर की आकृति त्रिभुजकार है। इसका शीर्ष बेरिंग जलडमरूमध्य पर है, जो घोड़े के खुर की आकृति का है। ज्वार भाटा यहां की मुख्य विशेषता है। इस महासागर की सतह, मुख्य रूप से पश्चिम में, कई बड़ी-बड़ी लंबी खाइयों से भरी पड़ी है, जिसमें मरियाना ट्रेंच (गर्त) प्रमुख है। यह दुनिया का सबसे गहरा महासागरीय गर्त है, जिसकी गहराई 10,994 मीटर यानी 36,070 फीट है।
आखिर इस महासागर का निर्माण कैसे हुआ, इसका पता आज तक नहीं चल पाया है। हालांकि कई भूविज्ञानियों ने इस बात का पता लगाना चाहा कि इस महासागर का निर्माण प्रारंभ में कैसे हुआ, लेकिन वो कोई भी सर्वमान्य सिद्धांत नहीं निकाल पाए। ऐसे में इसे रहस्यमय कह सकते हैं।