क्या हिंदुस्तान की अंतिम दुकान के बारे में जानते हैं आप जिसके बाद ही शुरू हो जाती हैं चीन की सीमा

भारत अपनेआप में कई अनोखी और हैरान करने वालो चीजों से सज्जित हैं जहां कई चीजें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसा ही कुछ हैं हिंदुस्तान की अंतिम दुकान के साथ जिसका नाम भी यही हैं और असल में यह है भी अंतिम दुकान ही जिसके बाद चीन की सीमा शुरू हो जाती हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक दुकान जो भी उत्तराखंड पर्यटन के लिए आता हैं वह इस दुकान पर जरूर आता हैं। इस दुकान में इलाके की बेस्ट चाय और स्वादिष्ट मैगी खाने को मिलती है। यहां आने वाले पर्यटक चाय और मैगी तो खाते ही हैं साथ ही सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी करते हैं।

चमोली जिले में एक गांव है माणा जो चीन की सीमा के बेहद ही करीब है। इसी गांव में ये दुकान है। इसके बाद भारत देश की सीमा समाप्त हो जाती है। चंदेह सिंह बड़वाल ने माणा गांव में 25 साल पहले इस दुकान को खोली थी। इसके बाद जैसे-जैसे इस दुकान के बारे में लोग जानने लगे ये पूरे देश में प्रसिद्ध हो गई। उत्तराखंड में यदि कोई भी पर्यटक घूमने आता है वो इस दुकान को देखने जरूर आता है। ये दुकान अपनी चाय और मैगी के लिए जानी जाती है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव का अपना एक अलग धार्मिक महत्व भी है। पहले इस गांव का नाम मणिभद्रपुरम था। लोगों का ऐसा कहना है कि इस गांव का महाभारत से संबंध है। मान्यता है कि इस गांव से ही पांडवों ने स्वर्ग के लिए प्रस्थान किया था। इसी जगह से स्वर्ग के लिए रास्ता जाता है। गांव की मुख्य सड़क पर भी बोर्ड के माध्यम से बताया गया है कि ये भारत की सीमा का आखिरी गांव है।