वर्तमान समय में कई असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर धर्म के नाम पर बेतुकी लडाइयां लड़ी जा रही है और चारों तरफ सांप्रदायिक हिंसा का माहौल बनाया जा रहा हैं। वहीँ दूसरी और बकरीद का त्योंहार देश में इन बेतुकी लडाइयों से दूर एकता और एक-दूसरे के प्रति कुर्बानी का सन्देश देता हैं। इस बकरीद Bakrid 2018 के मौके पर अज हम आपको एक ऐसी मस्जिद के बारे में बताने जा रहे हैं जो इन असामाजिक तत्वों के मुंह पर करारा जवाब देते हुए सभी धर्मों के आदर का महत्व बताती हैं। आइये जानते हैं इस मस्जिद के बारे में।
इस मस्जिद की लाइब्रेरी की तारीफ पूरे सोशल मीडिया पर हो रही है। इस लाइब्रेरी में सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल देखने को मिली है। यह मस्जिद है असम के काचर जिले में स्थित जामा मस्जिद Jama Masjid। असम Assam के काचर जिले में स्थित जामा मस्जिद के दूसरे फ्लोर पर यह लाइब्रेरी स्थित है । इसमें करीब एक दर्जन अलमारियां हैं। इस लाइब्रेरी में हिंदू, इस्लाम और ईसाई धर्म से जुड़ी 300 किताबें हैं। ये सभी बांग्ला भाषा में हैं।
मस्जिद के सचिव के हवाले से कहा गया है कि उन्हें इस सुविधा पर गर्व है और उनका मकसद मुस्लिमों को अन्य धर्म के बारे में शिक्षित करना है। यहां की लाइब्रेरी में कुरान, इस्लाम धर्म से जुड़ी किताबों के आलावा ईसाई दर्शन, वेद, उपनिषद, रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद की बायोग्राफी और रविंद्रनाथ टैगोर व सरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास भी मौजूद हैं। मस्जिद के सचिव ने कहा कि वे 1948 में इस मस्जिद के निर्माण के समय से ही लाइब्रेरी बनाना चाहते थे, लेकिन 2012 में जाकर सपना पूरा हुआ है।