अमेरिका में हाल ही में एक इंसान को पता चला कि उसकी जीभ काली होती जा रही है। दरअसल, उसकी जीभ पर बाल उग रहे हैं। बीच में पीले रंग का असर है। लेकिन उसे किसी तरह का दर्द नहीं हो रहा है। इस हैरान करने वाली स्थिति से उस 50 वर्षीय इंसान के परिजन और डॉक्टर सभी हैरान थे। जीभ के ऊपर काले रंग की मोटी परत दिख रही थी। पीले रंग का असर जीभ के बीच में और पीछे की तरफ था।
यह स्टडी JAMA Dermatology जर्नल में प्रकाशित हुई है। डॉक्टरों ने इस जीभ की स्टडी करके उसके बारे में सारी रिपोर्ट इस जर्नल में प्रकाशित की है। क्योंकि जीभ के ऊपर काली परत है, जिसमें बाल उगे हुए हैं। डॉक्टरों ने कहना है कि यह शख्स ब्लैक हेयरी टंग सिंड्रोम से जूझ रहा है। यह नाम बेहद क्रिएटिव हो सकता है, लेकिन यह बीमारी दिखने और बर्दाश्त करने में बेहद दुखद है।
Black Hairy Tongue Syndrome होने से तीन महीने पहले इस इंसान को दिल का दौरा पड़ा था। वह शारीरिक रूप से काफी ज्यादा कमजोर हो गया था। वह दौरा पड़ने के बाद से साफ-सुथरे भोजन और लिक्विड डाइट पर था।
डॉक्टरों ने कहना है कि ब्लैक हेयरी टंग सिंड्रोम (Black Hairy Tongue Syndrome) एक नुकसान न पहुंचाने वाली सामान्य स्थिति है, लेकिन यह दुर्लभ होती है। सबको नहीं होती। जब जीभ के ऊपर त्वचा की मृत कोशिकाएं (Dead Skin Cells) उभर कर बाहर जमने लगती है इसकी वजह से जीभ मोटी होने लगती है। मृत कोशिकाएं (Dead Skin Cells) की वजह से जीभ के पैपिले जो पूरे जीभ पर होती है वह फैलने लगती है। इसे ही जीभ का टेस्टबड कहते हैं। अब त्वचा की मृत कोशिकाएं की मोटी परत के बीच पैपिले खाने-पीने के कणों को जमा करने लगती है। जिससे जीभ के ऊपर बैक्टीरिया और यीस्ट जमने लगता है, जो बाल की तरह दिखने लगते हैं।
इस इंसान के ब्लैक हेयरी टंग सिंड्रोम (Black Hairy Tongue Syndrome) में दिखने वाला पीला रंग संभवतः उसके खाने-पीने की वजह से जमा हो। क्योंकि अक्सर खाने में पीले रंग या हल्दी का उपयोग किया जाता है। यह बीमारी एंटीबॉयोटिक्स के साइड-इफेक्ट से हो सकती है। या फिर मुंह में गंदगी होने से, सूखे मुंह की वजह से, धूम्रपान करने से या फिर नरम खाना खाने से हो सकता है।
इस इंसान को कुछ मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया। जिसके 20 दिन बाद इस इंसान की जीभ फिर से सामान्य हो गई, जैसे आम इंसानों की जीभ होती है।