आजकल का समय ऑनलाइन खरीददारी के लिए जाना जाता हैं जहां ऑनलाइन सामान आर्डर कर आपके घर डिलीवरी की जाती है। लेकिन इस ऑनलाइन खरीददारी में कई बार ग्राहकों को कई समस्याएं भी आती हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया अमेजन कंपनी से जुड़ा हुआ जिसमें एक गलती अमेज़न को 40,000 रुपये भारी पड़ी। हुआ यूँ कि साल 2014 में कंपनी ने एक लैपटॉप मात्र 190 रुपये में बेचने का ऑफ़र अपनी वेबसाइट पर डाल दिया। जब इतना भयंकर डिस्काउंट मिला तो यह देखकर ओडिशा के एक लॉ के छात्र सुप्रियो रंजन ने इस ऑफ़र को अपने नाम किया।
वैसे जैसे ही उन्होंने लैपटॉप बुक किया उसी के कुछ देर बाद कंपनी ने ऑर्डर कैंसल कर दिया। यह देखकर छात्र ने कंज़्यूमर फ़ोरम पहुंचकर Amazon की शिकायत कर दी। अब ओडिशा राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने छात्र के फ़ेवर में फ़ैसला सुनाया है। जी हाँ, बताया जा रहा है आयोग ने मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के मुआवज़े के रूप में छात्र को 40,000 रुपये भुगतान करने का Amazon.in को आदेश दिया है। केवल यही नहीं बल्कि ख़रीदार को दंडात्मक क्षति और मुकदमेबाज़ी की लागत के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है।इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान बेंच ने माना है कि 'कंपनी की इस लापरवाही के कारण छात्र को 22,899 रुपये का एक और लैपटॉप ख़रीदना पड़ा, जिसके कारण उसे अपने एजुकेशनल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में देरी हुई।'