राजस्थान के अलवर से एक हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला जहां शख्स के प्रति बगुले का ऐसा प्यार देखने को मिला कि वह 2 घंटे तक अर्थी पर और तपन के बावजूद चिता के बगल में बैठा रहा। मामला जिले के कदपुरा गांव का हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अंतिम संस्कार के समय भी बगुला आग की तपन के बावजूद चिता के बगल में बैठा रहा। लोग चले गए, इसके बावजूद बगुला वहां काफी देर तक बैठा रहा। कुछ लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बना लिया।
दरअसल, कदपुरा गांव निवासी 80 साल के बुजुर्ग मोतीलाल लकवा ग्रसित थे। इलाज के दौरान 7 जनवरी को सुबह 5:30 बजे मौत हो गई। शव को श्मशान घाट ले जाने की तैयारी थी। इसी दौरान एक बगुला अर्थी पर आकर बैठ गया। तब घर में महिलाएं विलाप कर रही थीं। बगुला अर्थी पर ही बैठा रहा। यह देख लोग भी हैरान हो गए। घर पर अर्थी पर बैठे बगुला पर हरीराम ने गुलाल डाल दिया। इसके बाद भी वह वहां से नहीं गया। शवयात्रा रवाना हुई तो बगुला भी पीछे-पीछे श्मशान घाट तक पहुंच गया। बगुले के गुलाल लगा था तो लोगों के समझ आ गया कि वही बगुला है जो घर पर था।
मोतीलाल के भतीजे ने बताया कि उनके ताऊजी रोजाना 500 मीटर दूर स्थित मंदिर में जाते थे। यहां बड़ी संख्या में बगुले आते हैं। वे सभी की देखरेख करते थे। इसके अलावा दूसरे पक्षी आते थे। नियमित रूप से मंदिर जाते थे। परिजनों का कहना है कि शायद इस बगुले का मोतीलाल से प्रेम का रिश्ता था। इसी वजह से वह अंतिम समय तक उनके साथ रहा।