Xiaomi के चाहने वालों के लिए एक रोमांचक खबर है। कंपनी अपने उपयोगकर्ताओं को विज्ञापनों से राहत देने के लिए तैयार है। यह भारत में अपने GetApps स्टोर को PhonePe द्वारा संचालित नए विकसित Indus Appstore से बदल देगा। यह परिवर्तन जनवरी 2025 में प्रभावी होगा और भारत में उपलब्ध Redmi और Poco मॉडल सहित सभी Xiaomi डिवाइस पर लागू होगा।
भारत में क्यों बदल रही है कंपनी अपना ऐप स्टोर?
GetApps को अक्सर अपनी आक्रामक विज्ञापन रणनीतियों और सिस्टम ब्लोट के मुद्दे को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे Xiaomi उपयोगकर्ताओं के बीच महत्वपूर्ण चर्चा होती है। इंडस ऐपस्टोर में बदलाव को Xiaomi द्वारा एक रणनीतिक पहल के रूप में समझा जा सकता है, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना है और साथ ही साथ विकसित हो रहे विनियामक परिदृश्य का पालन करना है। यह बदलाव गतिशील बाजार परिवेश में उपयोगकर्ता की चिंताओं और अनुपालन आवश्यकताओं के प्रति कंपनी की मान्यता को दर्शाता है।
क्या है इंडस ऐपस्टोर? इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया इंडस ऐपस्टोर एक एंड्रॉयड-आधारित ऐप मार्केटप्लेस है जिसे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ज़्यादा स्थानीयकृत और उपयोगकर्ता-अनुकूल अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह लोकप्रिय शीर्षकों के साथ-साथ क्षेत्रीय पेशकशों सहित कई तरह के ऐप और गेम तक पहुँच प्रदान करता है। वर्तमान में, स्टोर में 45 श्रेणियों में 200,000 से ज़्यादा ऐप और गेम हैं। इसके अलावा, यह 12 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है।
Google पर क्या असर होगा?
Android स्मार्टफ़ोन में Google Play Store पहले से लोड होता है, जिसकी अक्सर ऐप डेवलपर्स द्वारा इसके उच्च कमीशन शुल्क के कारण आलोचना की जाती है। विभिन्न विनियामक भी Google पर एंटीट्रस्ट गतिविधियों के लिए जाँच कर रहे हैं।
PhonePe को ऐप स्टोर के साथ एकीकृत करने से निर्बाध भुगतान और विभिन्न डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जिससे ऐप डेवलपर्स को उच्च कमीशन शुल्क से राहत मिलेगी।
इसके अलावा, उपयोगकर्ता एक सहज संक्रमण की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि इसे सिस्टम अपडेट के माध्यम से लागू किया जाएगा। नतीजतन, GetApps अब भारत में किसी भी Xiaomi डिवाइस पर प्रीलोड या समर्थित नहीं होगा, चाहे वे नए हों या मौजूदा। Indus Appstore पर स्विच करने से कई लाभ मिलने की संभावना है, जैसे कि अधिक आकर्षक और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिज़ाइन, साथ ही कम विज्ञापन देखने की संभावना।