शनिवार की शाम एक दर्दनाक घटना ने नहटौर क्षेत्र के चक गोवर्धनपुर गांव को शोक में डूबो दिया। घर पर खेलते-खेलते ढाई वर्षीय मासूम शाफैज की गले में टॉफी फंस जाने से दम घुट गया और परिवार की आंखों के सामने ही नन्ही जान ने तड़पते हुए आखिरी सांस ली। अचानक हुए इस हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। गम से भरे माहौल में परिजनों ने मासूम को अंतिम विदाई दी।
चक गोवर्धनपुर निवासी शमशाद का छोटा बेटा शाफैज रोज की तरह शनिवार को घर में अपने स्वजन के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह टॉफी भी खा रहा था। खेलते समय अचानक टॉफी उसके गले में इस तरह अटक गई कि उसकी सांस लेने की नली ब्लॉक हो गई।
कुछ ही सेकंड में शाफैज को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और वह तड़पने लगा। परिवार ने उसे राहत देने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह बेहोश हो चुका था। घबराए हुए स्वजन उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद शाफैज को मृत घोषित कर दिया।
अचानक हुई इस त्रासदी ने पूरे परिवार में मातम ला दिया। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि खेलते-खेलते, एक साधारण सी टॉफी गले में फंसने से बच्चे की जान चली जाएगी। परिवार के लोगों के लिए यह घटना किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
कैसे बच सकती थी मासूम की जान?मानव शरीर की बनावट के अनुसार, सांस लेने की नली आगे होती है और भोजन नली पीछे। कभी-कभार खाने का कोई टुकड़ा या टॉफी फिसलकर सामने वाली सांस की नली में चले जाने से दम घुटने का खतरा पैदा हो जाता है। शाफैज के साथ भी ठीक यही हुआ। टॉफी सीधा उसकी सांस की नली के ऊपर जाकर अटक गई, जिससे हवा अंदर जाने का रास्ता बंद हो गया।
ऐसी स्थिति में कुछ त्वरित कदम किसी की भी जान बचा सकते हैं:
छोटे बच्चे के गले में कुछ फंस जाए तो तुरंत उसे झुकाकर उसका सिर नीचे और पैर ऊपर की दिशा में कर देना चाहिए।
इसके बाद उसकी पीठ पर हल्के-हल्के लेकिन लगातार थपकी मारनी चाहिए, जिससे फंसी हुई चीज बाहर निकल सके।
यदि किसी बड़े व्यक्ति के गले में कुछ फंस जाए तो सावधानी से उंगली डालकर उसे निकाला जा सकता है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राहुल बिश्नोई बताते हैं, “खाना खाते समय बातचीत करने या हंसने पर ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं। इससे भोजन का कोई हिस्सा या टॉफी सांस की नली के सामने फंस सकती है। बच्चों के मामले में तत्काल उसे उल्टा कर पीठ पर थपकियां देने से अक्सर फंसी हुई चीज बाहर आ जाती है।”