राम मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी के 5 दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत, मुख्य उत्सव में कल शामिल होंगे CM योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

अयोध्या: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ, यानी प्रतिष्ठा द्वादशी, के पांच दिवसीय अनुष्ठान सोमवार से शुरू हो गए। सुबह आठ बजे से पूजन-अर्चन और संगीतमय श्रीरामचरितमानस का पाठ प्रारंभ हुआ। दोपहर ढाई बजे जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने श्रद्धालुओं को रामकथा सुनाकर भक्ति रस में डुबो दिया।

भगवान श्रीराम के बालस्वरूप की महिमा का गुणगान सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित हुए। शाम छह बजे से रामलीला का मंचन किया गया। प्रतिष्ठा द्वादशी का मुख्य उत्सव 31 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

मानस पाठ का शुभारंभ और सहभागिता


राम जन्मभूमि परिसर के समीप अंगद टीला परिसर में सोमवार सुबह लगभग आठ बजे मानस पाठ का शुभारंभ ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र और राम मंदिर व्यवस्थापक गोपाल राव ने किया। कानपुर के श्रीश्री मां आनंदमयी मानस परिवार द्वारा आयोजित मानस पाठ में भक्तों को भी गायक टीम के साथ पाठ करने का अवसर मिला।

‘सीताराम चरण रति मोरे, अनुदिन बढ़ऊं अनुग्रह तोरे’ संपुट के साथ बालकांड के प्रथम सोपान का उद्घाटन कानपुर के व्यास कुमार और गौरव शुक्ल ने किया। पाठ के दौरान पूरे पंडाल में भक्ति रस की लहर दौड़ गई।

मानस पाठ में कुल 23 सदस्य सक्रिय रहे। संयोजक प्रेमप्रकाश मिश्र के अनुसार समन्वयक व्यास कुमार, गौरव शुक्ल, ऋषिकेश निवासी स्वामी विज्ञानानंद और मुरैना के राजेश ठाकुर के निर्देशन में पाठ को शास्त्रीय और सामान्य स्वर में किया गया।

रामकथा और रामलीला का आयोजन

मानस पाठ की समाप्ति के बाद ढाई बजे से रामकथा का आयोजन हुआ। शाम छह बजे गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ की टीम ने रामलीला का विशिष्ट शैली में मंचन किया। बड़ी संख्या में दर्शक एकत्र हुए और रामलीला का आनंद लिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगमन और कार्यक्रम

प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन ही राम जन्मभूमि परिसर के परकोटे की उत्तरी भुजा में स्थित माता अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का आरोहण किया जाएगा। अन्य छह पूरक मंदिरों पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहली बार राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीन घंटे से अधिक समय तक रहेंगे। वह रामलला की प्राकट्य आरती में सम्मिलित होंगे और ध्वजारोहण भी करेंगे। इसके पूर्व साढ़े नौ बजे रामलला का महाभिषेक किया जाएगा और श्रृंगार के बाद भोग समर्पित किया जाएगा। इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रतिष्ठा द्वादशी के अनुष्ठान में भाग लिया था।

तीसरे दिन पालकी यात्रा


राम जन्मभूमि परिसर की यज्ञशाला में तीसरे दिन की मंडल पूजा में ट्रस्टी और उडुप्पी पीठाधीश्वर स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ के नेतृत्व में तत्वकलश, तत्वहोम, अष्टाक्षरमंत्र होम आदि अनुष्ठान संपन्न हुए।

सायं समय में देवविग्रह को चांदी की पालकी पर विराजित कर परिसर में पालकी यात्रा निकाली गई। इसमें आचार्यों के साथ ट्रस्ट कर्मी और श्रद्धालु शामिल हुए। अनुष्ठान संपन्न करा रहे आचार्यों का कहना है कि इस प्रकार के अनुष्ठान रामतत्व की अखंड चेतना को प्रतिष्ठित करने का माध्यम होते हैं।