‘बाबर के नाम पर मस्जिद निर्माण उचित नहीं’ — बाबरी मस्जिद केस के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी का बड़ा बयान

टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद का शिलान्यास कराने के दावे ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। इसी बीच राम जन्मभूमि–बाबरी मस्जिद विवाद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने स्पष्ट कहा है कि अब इस मुद्दे को दोबारा हवा देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर आज कोई विवाद शेष नहीं है।

“बाबर के नाम पर मस्जिद का विचार भी उचित नहीं”—अंसारी

इकबाल अंसारी का कहना है कि बाबर के नाम से किसी भी मस्जिद के निर्माण का न तो सामाजिक महत्व है और न यह राजनीतिक रूप से कोई सद्भावना पैदा करेगा। बंगाल चुनावों से पहले मंदिर–मस्जिद की राजनीति तेज होने के बीच अंसारी का यह बयान विशेष रूप से चर्चा में है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खत्म हुआ पूरा विवाद—अंसारी की याद दिलाई

अंसारी ने 9 नवंबर 2019 की याद दिलाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि–बाबरी मस्जिद मामले पर अंतिम फैसला सुनाकर वर्षों पुराना विवाद समाप्त कर दिया था। अदालत ने मुस्लिम समुदाय को पाँच एकड़ ज़मीन दी और देशभर के मुसलमानों ने इसे सम्मानपूर्वक स्वीकार किया।

उनके अनुसार, इस मामले पर अब न कोई तनाव बचा है, न कोई अदालती प्रक्रिया। इसलिए चुनावी समय में इसे फिर से मुद्दा बनाना “सिर्फ राजनीतिक रणनीति” के अलावा कुछ नहीं दिखता।

TMC पर निशाना—“चुनावी फायदा लेने की कोशिश चल रही है”

इकबाल अंसारी ने टीएमसी नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बंगाल में चुनावी माहौल बनने से पहले ही धर्म से जुड़े मुद्दों को जानबूझकर उछाला जा रहा है। उनका आरोप है कि बाबर का नाम सिर्फ चुनावी लाभ के मकसद से सामने लाया जा रहा है, जबकि इसका वर्तमान परिस्थितियों से कोई संबंध नहीं है।

“बाबर कोई समाज सुधारक नहीं था”—अंसारी का साफ संदेश

अंसारी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि बाबर ने भारत में न कोई सामाजिक कार्य किया, न किसी समुदाय के लिए अस्पताल, स्कूल अथवा कल्याणकारी संस्थान स्थापित किए। उन्होंने दो टूक कहा— “बाबर न तो भारत के मुसलमानों के लिए कुछ कर गया, न हिंदुओं के लिए। इसलिए उसके नाम पर मस्जिद बनना न धार्मिक रूप से उचित है, न सामाजिक रूप से।”

अंसारी ने अंत में जोर देकर कहा, “हमारी स्पष्ट राय है—बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए। यह हमारा घोषित रुख है।”