फिल्में सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं होतीं, वे संदेश भी देती हैं; बस जरूरत होती है उस संदेश को समझने की। 12वीं के विज्ञान वर्ग के 17 वर्षीय छात्र आदित्य ने 'रोबोट' फिल्म से प्रेरित होकर एआई रोबोट टीचर विकसित किया है। इस रोबोट में एलएच चिपसेट का उपयोग किया गया है और किसी शिक्षक के अनुपस्थित रहने पर इसे धीरे-धीरे कक्षा में इस्तेमाल किया जा रहा है।
बुलंदशहर के बीसा कॉलोनी निवासी, मूल रूप से चंद्रवाली के अशोक कुमार एक निजी डॉक्टर के क्लिनिक में कंपाउंडर के रूप में कार्यरत हैं। उनका बेटा आदित्य शिवचरन इंटर कॉलेज में विज्ञान वर्ग में 12वीं का छात्र है।
आदित्य ने बताया कि उन्होंने 'रोबोट' फिल्म देखकर एआई टीचर बनाने का विचार किया। विज्ञान शिक्षक हरिओम सक्सेना के मार्गदर्शन में आदित्य ने इस रोबोट को तैयार करना शुरू किया। उन्होंने इसमें राजवैरीपाइ (आरपीआई) के साथ लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) चिपसेट का उपयोग किया।
इंसानी मस्तिष्क की तरह डेटा प्रोसेस करता है रोबोटआदित्य ने बताया कि एलएलएम चिपसेट के माध्यम से रोबोट इंसानी दिमाग की तरह डेटा को प्रोसेस करता है। इसमें सभी विषयों की जानकारी अपलोड की गई है। रोबोट बनाने के लिए आदित्य ने महिला का डमी पुतला और चार्जिंग बैटरी का उपयोग किया।
इस एआई रोबोट पर लगभग 25,000 रुपये खर्च हुए हैं। यह रोबोट छात्रों के सवाल सुनकर उनके उत्तर देता है। कक्षा में बच्चे एआई टीचर से संवाद करते हुए बेहद उत्साहित हैं।
किसी शिक्षक के अनुपस्थित रहने पर इस एआई रोबोट के जरिए कक्षा का संचालन किया जाता है। शिवचरन इंटर कॉलेज इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया में है। आदित्य चाहते हैं कि अधिक से अधिक विद्यार्थी एआई तकनीक से जुड़ें और इसका लाभ उठाएं।
सभी को चकित कर दिया आदित्य ने12वीं के इस छात्र ने विज्ञान के प्रति अपनी सोच और रचनात्मकता से सभी को अचंभित कर दिया है। कॉलेज में लोग इस एआई रोबोट टीचर को देखने आने लगे हैं।- अरविंद कुमार, प्रधानाचार्य, शिवचरन इंटर कॉलेज