चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस कदम का राज्य की अर्थव्यवस्था, विशेषकर विनिर्माण और निर्यात क्षेत्रों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर राहत उपाय लागू करने की अपील की है।
स्टालिन ने अपने पत्र में कहा कि वह भारत और अमेरिका के बीच एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा में तमिलनाडु सरकार का पूरा समर्थन देने का आश्वासन भी देते हैं। लेकिन उन्होंने आगाह किया कि मौजूदा टैरिफ वृद्धि से तमिलनाडु पर अपेक्षाकृत अधिक दबाव पड़ेगा क्योंकि यह राज्य अमेरिकी बाजार पर भारी निर्भर है।
मुख्यमंत्री ने आँकड़े साझा करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में भारत के कुल 433.6 अरब डॉलर के निर्यात में से लगभग 20 प्रतिशत अमेरिका को भेजा गया। वहीं, तमिलनाडु के 52.1 अरब डॉलर के कुल निर्यात में से 31 प्रतिशत अमेरिका को गया। उन्होंने कहा कि इस अनुपात से साफ है कि नए टैरिफ का प्रभाव तमिलनाडु पर अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक गहरा होगा।
पत्र में स्टालिन ने स्पष्ट किया कि कपड़ा, परिधान, मशीनरी, ऑटोमोबाइल, रत्न-आभूषण, चमड़ा, जूते, समुद्री उत्पाद और रसायन उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने चिंता जताई कि ये सभी श्रम-प्रधान उद्योग हैं और निर्यात में गिरावट सीधे रोजगार पर असर डालेगी। कपड़ा उद्योग का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र भारत के कुल कपड़ा निर्यात का 28 प्रतिशत योगदान देता है और लगभग 75 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है। लेकिन यदि टैरिफ दोगुना होकर 50 प्रतिशत हो जाता है, तो राज्य में लगभग 30 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रभावित उद्योगों और व्यापारिक संगठनों से व्यापक परामर्श किया है। उनके अनुसार, कपड़ा क्षेत्र को तत्काल दो मोर्चों पर राहत की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र को सुझाव दिया है कि जीएसटी दरों में तर्कसंगत संशोधन, कपास पर आयात शुल्क में छूट, आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ECLGS) के तहत वित्तीय सहायता और क्रेडिट सुविधाओं का विस्तार तुरंत किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, स्टालिन ने केंद्र से अनुरोध किया कि टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों के लिए एक विशेष ब्याज सहायता योजना शुरू की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार जोखिमों की भरपाई के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) को तेजी से आगे बढ़ाया जाए और कोविड काल के दौरान लागू किए गए मूलधन पुनर्भुगतान पर रोक जैसी वित्तीय राहत पैकेज की भी घोषणा की जाए।
अंत में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि आजीविका की रक्षा और भारतीय निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि तमिलनाडु सरकार इस दिशा में केंद्र के हर प्रयास में पूर्ण सहयोग देगी।