
बारां। राजस्थान के बारां जिले में मानसून ने कहर बरपा दिया है। मांगरोल, शाहबाद और किशनगंज तहसीलों में मूसलधार बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं। सोमवार को सुबह से ही रुक-रुक कर हो रही बारिश ने अचानक रफ्तार पकड़ ली और महज चार घंटे में मांगरोल में 175 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिससे पूरे इलाके में जलभराव और अव्यवस्था फैल गई।
बारिश बनी राहत भी और आफत भीबारिश से जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली, वहीं तेज बहाव और जलभराव ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। किशनगंज में बिजली गिरने की एक घटना में रेंज ऑफिस की छत को नुकसान पहुंचा, हालांकि कोई जानमाल की हानि नहीं हुई। जलवाड़ा गांव में नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से रैबारी समुदाय के कई लोग फंस गए, जिन्हें बचाने के लिए प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
भंवरगढ़ थाना जलमग्न, रिकॉर्ड और कंप्यूटर भी डूबेभंवरगढ़ कस्बे की तलाई टूटने से पानी निचली बस्तियों में घुस आया। सबसे चिंताजनक स्थिति तब बनी जब भंवरगढ़ थाना परिसर भी पानी में डूब गया। थाना अधिकारी राजेश कुमार मीणा ने बताया कि पानी इतनी तेजी से आया कि रिकॉर्ड और कंप्यूटर संभालने का भी मौका नहीं मिला। थाने में कमर तक पानी भर गया, जिससे जवानों को पूरी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकांश जरूरी दस्तावेज और उपकरणों को ऊंचाई पर पहुंचाकर बचाया गया।
हाईवे पर ट्रैफिक जाम, बाजारों में सन्नाटाभारी बारिश से नेशनल हाईवे-27 के ऊनी क्षेत्र में सड़क पर पानी भर गया, जिससे शाहबाद-बारां मार्ग को कुछ घंटों के लिए बंद करना पड़ा। मानसिंह मीणा, थाना अधिकारी केलवाड़ा ने बताया कि खेतों का जमा पानी पुलिया निर्माण के चलते सड़क पर आ गया, जिससे यातायात बाधित हुआ।
बारां शहर के प्रताप चौक सहित कई इलाकों में पानी भर गया है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, दुकानों के शटर गिरे रहे और सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप रहा।
जिला प्रशासन अलर्ट पर, घरों में रहने की अपीलबारिश से उत्पन्न हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है। लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई है। साथ ही, जलजनित बीमारियों और अन्य संभावित हादसों से निपटने के लिए स्वास्थ्य, नगर निकाय, बिजली और पुलिस विभाग को सतर्क किया गया है।
बारां जिले में अलग-अलग तहसीलों में हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा बारिश मांगरोल में दर्ज की गई, जहां महज चार घंटे में 175 एमएम पानी बरसा। इसके बाद शाहबाद में 164 एमएम, किशनगंज में 107 एमएम और बारां शहर में 84 एमएम वर्षा हुई। अंता और अटरू में समान रूप से 26-26 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि छबड़ा में 13 एमएम और छीपाबड़ौद में 11 एमएम बारिश दर्ज की गई। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जिले के अधिकतर हिस्सों में मूसलधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है।
बारां जिले में मानसून ने जोरदार दस्तक दी है, लेकिन इसके साथ ही संकट भी गहरा गया है। प्रशासन के सामने अब दोहरी चुनौती है—एक ओर राहत कार्यों को तेज करना और दूसरी ओर जनस्वास्थ्य व जनसुरक्षा सुनिश्चित करना। आने वाले दिनों में यदि बारिश की यही रफ्तार रही, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।