
उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज में करंट लगने से हुई डॉ. रवि शर्मा की मौत ने प्रदेशभर के डॉक्टरों को झकझोर कर रख दिया है। हादसे के बाद अब पूरे राजस्थान में चिकित्सकों का गुस्सा खुलकर सामने आ गया है। चिकित्सकों की संस्था (अरिस्दा) ARISDA (एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स) ने सोमवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है, जिसके तहत आज डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। यह विरोध केवल एक हादसे के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बदहाल हॉस्टल व्यवस्था और लापरवाही की लंबी श्रृंखला के खिलाफ है।
हॉस्टल की बदहाल स्थिति बनी मौत की वजह: ARISDAARISDA अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक ‘दुर्घटना’ नहीं है, बल्कि मेडिकल कॉलेज हॉस्टलों की जर्जर स्थिति और प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने बताया कि केवल उदयपुर ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य राजकीय मेडिकल कॉलेजों में भी हॉस्टलों की हालत चिंताजनक है। डॉक्टरों की मांग है कि डॉ. रवि शर्मा की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज हो, उन्हें तत्काल निलंबित किया जाए और मृतक के परिजनों को मुआवजा व एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए।
मांगें नहीं मानी गई तो होगा उग्र आंदोलनARISDA ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र मांगें नहीं मानी तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। सोमवार को विरोध की शुरुआत डॉक्टरों द्वारा काली पट्टी बांधकर काम करने से हो रही है, जबकि मंगलवार को सभी जिलों में कलेक्टर और एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्रदेशभर के अस्पतालों में कार्य बहिष्कार किया जाएगा।
पोस्टमार्टम के बाद भी बना रहा विवाद, रिपोर्ट पर संदेहडॉ. रवि शर्मा की मौत के बाद पहले पोस्टमॉर्टम में अस्पष्ट निष्कर्ष सामने आया था। रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग पर शनिवार को जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज की टीम द्वारा दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया, लेकिन उसमें भी किसी ठोस कारण का उल्लेख नहीं हुआ। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि रवि शर्मा की मौत करंट लगने से ही हुई है और रिपोर्ट में इसे पूरी तरह से नकारा नहीं गया है। इस अस्पष्टता से आक्रोश और गहराता जा रहा है।
परिजनों ने 100 घंटे बाद उठाया शव, अंतिम विदाई में उमड़ा भावनाओं का सैलाबडॉ. रवि शर्मा के परिजनों ने चार दिनों तक विरोध के बाद रविवार देर रात शव उठाया। मेडिकल कॉलेज के दिलशाद हॉस्टल में हादसे के बाद मृत शरीर को परिजनों ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और सरकार के आश्वासनों के बाद अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव मकराना (नागौर) ले जाया। इस दौरान साथी रेजिडेंट्स ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। कई रेजिडेंट डॉक्टर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उदयपुर से रवाना हुए।
राजस्थान भर में रेजिडेंट्स की एकजुटता, हड़ताल का ऐलानउदयपुर रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपेन्द्र सेवदा ने बताया कि राज्यभर के रेजिडेंट्स ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है। सोमवार को सभी मेडिकल कॉलेजों में सुबह 7 से 10 बजे तक कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को चेताया गया है कि जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
एक मौत, जो लापरवाह सिस्टम की पोल खोल गईडॉ. रवि शर्मा की दुखद मौत ने सरकारी हॉस्टलों की दयनीय स्थिति और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर दिया है। यह केवल एक डॉक्टर की मौत नहीं, बल्कि उस प्रणाली पर सवाल है, जो अपनी रीढ़ माने जाने वाले चिकित्सकों की सुरक्षा तक सुनिश्चित नहीं कर पा रही। अब देखना होगा कि सरकार इस गहरी संवेदनशीलता को समझते हुए मांगों पर अमल करती है या आंदोलन और तेज़ होता है।