चंबल के बांध 97% फुल, कोटा बैराज से शुरू हुई पानी की निकासी, धौलपुर तक अलर्ट

कोटा। राजस्थान में चंबल नदी पर बने गांधी सागर, राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर तीनों बांध इस वर्ष लगभग अपनी पूरी क्षमता तक भर चुके हैं। राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर से मशीन डिस्चार्ज शुरू कर दिया गया है, जबकि कोटा बैराज से गेट डिस्चार्ज के जरिए पानी छोड़ा जा रहा है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कैचमेंट क्षेत्रों में बारिश के चलते आगे भी पानी की आवक बनी रहने पर इन बांधों से और भी अधिक पानी छोड़ा जाएगा। ऐसे में कोटा से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

राणा प्रताप सागर में 97% पानी, जल्द खुलेंगे गेट

जल संसाधन विभाग की सहायक अभियंता निकिता पारेता के अनुसार, राणा प्रताप सागर बांध में इस समय 2819.63 एमसीएम पानी है, जो इसकी कुल क्षमता का 97 प्रतिशत है। बीते वर्ष इसी तारीख को यह स्तर 68% था। यह संकेत है कि इस बार मानसून की शुरुआत में ही बांध लगभग भर चुका है। संभावना है कि जून के महीने में ही गेट खोलकर पानी का डिस्चार्ज किया जाएगा, जबकि सामान्यतः यह प्रक्रिया सितंबर में शुरू होती है।

गांधी सागर से कम मिलेगी शुरुआती आवक

गांधी सागर बांध, जो चंबल नदी का सबसे बड़ा बांध है, इस समय 46.87% ही भरा है। बीते वर्ष की तुलना में इसमें कम पानी है, इसलिए राणा प्रताप सागर की शुरुआत में आवक कम हो सकती है। परंतु, उसके कैचमेंट एरिया और जवाहर सागर क्षेत्र की ब्राह्मणी नदी से होने वाली आवक के कारण पानी लगातार बढ़ रहा है।

डिस्चार्ज की रफ्तार तेज, बैराज से 6500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया

कोटा बैराज से वर्तमान में 6500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। एक गेट 3 फीट और दूसरा 5 फीट खोलकर निकासी की जा रही है। जवाहर सागर से 3800 क्यूसेक पानी आ रहा है, वहीं राणा प्रताप सागर से 12167 क्यूसेक की आवक हो रही है और मशीन से 1790 क्यूसेक डिस्चार्ज हो रहा है। जल संसाधन विभाग की फ्लड सेल हर घंटे रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय और कलेक्टर को अपडेट कर रही है।

कोटा बैराज और जवाहर सागर में स्टोरेज क्षमता सीमित

कोटा बैराज की कुल क्षमता 112 एमसीएम और जवाहर सागर की 67.12 एमसीएम है, जबकि राणा प्रताप सागर अकेले ही इनसे 16 गुना बड़ा है। इस कारण जब भी राणा प्रताप सागर से पानी छोड़ा जाता है, कोटा बैराज और जवाहर सागर से तत्काल निकासी करनी पड़ती है, ताकि अधिक दबाव न बने और पानी को स्टोर करने की सीमा न टूटे।

प्रशासन सतर्क, चौबीस घंटे मॉनिटरिंग

जल संसाधन विभाग की फ्लड सेल सक्रिय हो चुकी है और चंबल नदी तटवर्ती जिलों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। बारिश बढ़ने पर स्थिति तेजी से बदल सकती है, ऐसे में कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर और धौलपुर सहित कई जिलों को सतर्क रहने को कहा गया है। पानी की स्थिति पर लगातार निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।