जापान और दक्षिण कोरिया का दस दिन का दौरा पूरा करके पंजाब लौटे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के सीएम फेस के लिए 500 करोड़ रुपये के बयान पर चुटकी ली है। मान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तो पार्षद से लेकर मुख्यमंत्री तक हर पद के लिए रेट लिस्ट पहले ही तय कर रखी है।
मुख्यमंत्री आवास में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मान ने कहा, “कांग्रेस में कुर्सियों के हिसाब से कीमतें पहले से निर्धारित हैं। यह पहला अवसर है जब मैं इस राजनीतिक विवाद पर अपनी राय रख रहा हूँ।”
उन्होंने आगे कहा कि जब कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पद के लिए 500 करोड़ रुपये लगाने की बात करता है, तो इसका मकसद लोक भलाई नहीं बल्कि अपनी कमाई बढ़ाना होता है। मान ने कहा, “पहली कोशिश तो इस पैसे को वसूलने की होती है, और बाद में आगे की कमाई का इंतजाम भी देखता है। यह पूरी प्रक्रिया किसी नीलामी जैसी हो गई है—जो ज्यादा बोली देगा, वही कुर्सी पाएगा।”
मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल को भी लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हम आम आदमी पार्टी के तौर पर पंजाब में निवेश लाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, शिअद लोगों को राजनीति में लौटाने की कोशिश कर रही है। हम लोगों के बिजली के बिल माफ कर रहे हैं, तो शिअद ज्ञानी गुरबचन सिंह को माफ कर रही है। यह सब नियत की बात है—जैसा इरादा होगा, परिणाम वैसा ही आएगा।”
सन्दर्भ के तौर पर बताया गया कि पिछले साल श्री अकाल तख्त ने विरसा सिंह वल्टोहा पर 10 साल तक राजनीति करने पर रोक लगाई थी। लेकिन 8 दिसंबर को श्री अकाल तख्त ने यह फैसला वापस लेते हुए उन्हें केवल धार्मिक सजा सुनाई। इसी तरह, जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को डेरा सिरसा के प्रमुख की माफी स्वीकार करने के कारण दोषी माना गया और धार्मिक सजा दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जिस पार्टी की नियत कैसी होती है, उसका काम भी वैसा ही होता है। कांग्रेस कुर्सियों का मूल्य तय करती है, तो शिअद दोषियों को माफ करती है।”