महाराष्ट्र: ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना पर उठे सवाल, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोले—‘31 दिसंबर तक...’

महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार, 10 दिसंबर को 'माझी लाडकी बहिन' योजना को लेकर जोरदार बहस हुई। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि योजना के लाभार्थियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरे महाराष्ट्र में जारी है और जिन लोगों ने योजना का गलत फायदा उठाया है, उनसे राशि की वसूली की जा रही है।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विरोधी दल केवल योजना को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना बंद नहीं होगी और सरकार अपने सभी वायदों को समय पर पूरा करेगी। शिंदे के जवाब के बाद भी विपक्षी सदस्यों ने असंतोष व्यक्त करते हुए सदन का बहिष्कार किया।

अदिति तटकरे ने दी विस्तृत जानकारी

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि योजना के अंतर्गत कुल 2 करोड़ 43 लाख संभावित लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 26 लाख आवेदनों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि लगभग 4 लाख मामलों की विस्तृत जाँच अभी भी जारी है।

उन्होंने आगे कहा कि करीब 8,000 सरकारी कर्मचारियों ने भी योजना का लाभ लिया था, जिनसे अनियमित रूप से प्राप्त राशि की वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कार्य अगले दो महीनों में पूरा होने की संभावना है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यभर में ई-केवाईसी कार्य तेजी से चल रहा है और इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित की गई है।

विपक्ष ने उठाए कई सवाल

विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार यह स्पष्ट नहीं कर रही कि योजना के तहत बढ़ा हुआ आर्थिक लाभ कब तक प्रदान किया जाएगा और फर्जी लाभार्थियों तथा संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी। संतोषजनक उत्तर न मिलने के कारण विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।

इस तरह, महाराष्ट्र में ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना की स्थिति और ई-केवाईसी प्रक्रिया पर विधानसभा में गंभीर बहस हुई, लेकिन सरकार ने योजना जारी रखने और सभी वचनों को पूरा करने का आश्वासन दिया।