जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से लगाए गए आरोपों पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने रविवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए विपक्षी नेता सुनील शर्मा के बयानों को पूरी तरह निराधार करार दिया। बीजेपी नेता का दावा था कि उमर अब्दुल्ला ने 2024 में राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए केंद्र में बीजेपी से गठबंधन का प्रस्ताव दिया था।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस दावे को खारिज करते हुए लिखा, “मैं पवित्र कुरान की कसम खाता हूं कि न तो मैंने और न ही मेरी पार्टी ने 2024 में राज्य का दर्जा बहाल करने या किसी अन्य राजनीतिक लाभ के लिए बीजेपी से गठबंधन की कोई मांग की है।” उन्होंने तीखे लहजे में आगे कहा, “सुनील शर्मा की तरह मैं अपनी रोज़ी-रोटी के लिए झूठ नहीं बोलता।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राजनीतिक साजिश विपक्ष को बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस हमेशा जनता के अधिकारों की बहाली और जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता की बहस में पारदर्शिता की पक्षधर रही है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब जनता के मुद्दों का जवाब नहीं होता, तब वे झूठे आरोपों के सहारे भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं।
दरअसल, शनिवार को बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने आरोप लगाया था कि उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से संपर्क कर 2024 के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने के बदले राजनीतिक गठबंधन की इच्छा जताई थी। इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी।
हालांकि, सीएम उमर अब्दुल्ला ने अब स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे न तो सत्ता के लिए किसी सौदेबाज़ी में यकीन रखते हैं और न ही बीजेपी जैसी पार्टियों के साथ गठबंधन की कोई कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता उनके लिए सर्वोपरि है, और उनका संघर्ष सिर्फ राज्य के अधिकारों की बहाली और शांति स्थापित करने के लिए है।
उमर अब्दुल्ला की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। समर्थकों ने उनके बयान को “साहसी” और “स्पष्ट रुख” बताते हुए सराहा, जबकि विपक्षी दलों में इस पर फिर से राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर की राजनीति में यह बयान आने वाले दिनों में नई हलचल पैदा कर सकता है।