ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर बुधवार (16 जुलाई, 2025) को तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि चूंकि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद इस हमले में सुरक्षा की विफलता की जिम्मेदारी ली है, इसलिए उन्हें अब नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। ओवैसी के इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
हमले पर सरकार को घेरने की तैयारी में ओवैसीAIMIM प्रमुख ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र की मोदी सरकार से 22 अप्रैल को बैसरन (पहलगाम) में हुए आतंकी हमले को लेकर जवाब मांगेंगे। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जो अपने तीर्थ यात्रा के लिए निकले थे।
विदेश यात्रा से लौटे ओवैसी ने उठाए सवालहैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भी थे, जो पहलगाम हमले के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखने के लिए बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया जैसे देशों की यात्रा पर गया था। उन्होंने वहां पर भी इस आतंकी घटना को उजागर करते हुए भारत का पक्ष मजबूती से रखा।
‘जब जिम्मेदारी ली है तो इस्तीफा भी दें’ – ओवैसीजम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में माना था कि पहलगाम हमला खुफिया विफलता का परिणाम था और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी ली। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, “अगर उन्होंने जिम्मेदारी ली है, तो फिर उन्हें अब इस्तीफा भी देना चाहिए। पहलगाम में 26 लोगों की हत्या केवल इसलिए की गई क्योंकि वे हिंदू थे। क्या अब भी संवेदना का कोई मूल्य नहीं रहा? अगर उन्हें इस घटना से सच में पीड़ा है, तो इस्तीफा देकर एक मिसाल पेश करें।”
'कार्यकाल खत्म होने पर क्यों मानी विफलता?'ओवैसी ने यह भी सवाल उठाया कि उपराज्यपाल अब इस विफलता को क्यों स्वीकार कर रहे हैं, जब उनका कार्यकाल लगभग समाप्त होने वाला है। उन्होंने कहा कि यह बयान तब क्यों नहीं आया जब देश शोक में डूबा था?
सरकार से सटीक जवाब मांगे जाएंगे – ओवैसी
ओवैसी ने कहा, “हम मोदी सरकार से संसद में स्पष्ट सवाल पूछेंगे – आखिर पहलगाम हमले का जिम्मेदार कौन है? आतंकवादी इतनी दूर तक कैसे पहुंचे और वहां पुलिस की मौजूदगी क्यों नहीं थी? क्या सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि 26 निर्दोष जानें एक झटके में चली जाएं? यह घटना साफ तौर पर सुरक्षा व्यवस्था की चूक का नतीजा है और इसका जवाब सरकार को देना ही होगा।”