भारत की चुप्पी शर्मनाक..., ईरान पर अमेरिकी हमले से भड़कीं महबूबा मुफ्ती, विदेश नीति पर उठाए गंभीर सवाल

ईरान और इजराइल के बीच लगातार हो रहे खूनी संघर्ष के बीच शनिवार को इस्तांबुल में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक में पश्चिम एशिया के बिगड़ते हालात और खासतौर पर ईरान-इजराइल युद्ध को लेकर चर्चा हुई, लेकिन कोई ठोस कदम उठाए बिना ही बैठक समाप्त हो गई।

इस पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ईरान पर हुए हमले के बाद OIC की प्रतिक्रिया महज औपचारिकता बनकर रह गई है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “जिस पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की थी, अब वही शायद पछता रहा होगा।”

“भारत की चुप्पी डराने वाली है”


महबूबा मुफ्ती ने भारत की विदेश नीति पर भी सीधा सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “भारत को हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंच पर तटस्थ और सैद्धांतिक भूमिका निभाने वाले राष्ट्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज वह चुप है या हमलावरों के साथ खड़ा नजर आ रहा है। यह चुप्पी न सिर्फ निराशाजनक है बल्कि शर्मनाक भी।”

ट्रंप की कार्रवाई से हालात बदतर

महबूबा ने कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर हमला करना तनाव को और भी भड़का रहा है। उन्होंने चेताया कि यह दुनिया को एक वैश्विक संघर्ष की ओर धकेल रहा है। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप की इस कार्रवाई ने न सिर्फ मध्य पूर्व में हालात खराब किए हैं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति को खतरे में डाल दिया है”।

“नोबेल की सिफारिश कर पछता रहा पाकिस्तान”

उन्होंने याद दिलाया कि हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान उनके लिए नोबेल शांति पुरस्कार की सिफारिश की थी। महबूबा ने कहा कि ईरान पर हमले के बाद अब शायद पाकिस्तान को भी अपनी जल्दबाज़ी पर पछतावा हो रहा होगा।

ट्रंप ने खुद दी थी हमले की जानकारी

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर खुद इस बात की पुष्टि की थी कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। साथ ही ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उसने शांति का रास्ता नहीं अपनाया, तो उसे और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।