राधिका को मारीं ताबड़तोड़ 5 गोलियां… बेटी की हत्या के बाद कस्टडी में आरोपी पिता कर रहा अजीब हरकतें, पुलिस भी हैरान

गुरुग्राम की चमकती टेनिस दुनिया में राधिका यादव का सितारा बनना तय था, लेकिन उसके जीवन की डोर उसी पिता ने बेरहमी से काट दी, जिसने उसे दुनिया में लाया था। अब इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं।

पुलिस की फॉरेंसिक जांच में यह सामने आया है कि राधिका के पिता दीपक यादव ने चार नहीं, बल्कि पांच गोलियां चलाई थीं। इनमें से चार गोलियां राधिका के जिस्म को चीरती हुई निकल गईं, जबकि एक गोली किचन के निचले हिस्से में जा लगी। यह घटना जितनी भयावह है, उससे भी ज्यादा दर्दनाक है उस बेटी की कहानी, जिसने अपने छोटे से टेनिस कोर्ट से एकेडमी खड़ी करने का सपना देखा था।

कस्टडी में दीपक कर रहा अजीब व्यवहार, पुलिस भी उलझन में

पूछताछ के दौरान दीपक यादव का व्यवहार पुलिस को हैरानी में डाल रहा है। कभी वह अचानक हंसने लगता है, तो कभी बिलख-बिलख कर रो पड़ता है। उसे खाना तक जबरदस्ती खिलाना पड़ रहा है, मानो उसे खुद ही अपनी करनी पर यकीन नहीं हो रहा। पुलिस के मुताबिक, दीपक की मानसिक स्थिति सामान्य नहीं लग रही है।

राधिका की एकेडमी थी किराए की, सपनों को दी थी खुद के दम पर उड़ान

जांच में यह भी सामने आया है कि राधिका की खुद की कोई टेनिस एकेडमी नहीं थी। उसने गुरुग्राम के सेक्टर 61 में क्रिकेट स्टेडियम के पास महज 45 दिन पहले किराए पर टेनिस कोर्ट लिया था, और वहां से वह अपने टैलेंट की नींव रख रही थी। इससे पहले वह अपने ही घर के सामने वाली एकेडमी में कोचिंग देती थी।

अब सवाल उठ रहा है कि जब उसके पास खुद की कोई ज़मीन या कोर्ट नहीं थी, तो “करोड़ों की एकेडमी” की बात कहां से आई? शायद ये सब उस तनाव का हिस्सा था, जो धीरे-धीरे पिता और बेटी के बीच बढ़ता गया।

मुझसे कन्या वध हो गया, ताऊ के सामने पिता का कबूलनामा

राधिका के ताऊ ने मीडिया को बताया कि उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि दीपक ऐसा कर सकता है। लेकिन जब घटना के बाद दीपक ने उनसे कहा, “मुझसे कन्या वध हो गया है,” और फांसी की मांग की, तो उनके भी पैरों तले ज़मीन खिसक गई।

बेटी समझाती रही, पिता ने अचानक उठा ली पिस्टल


राधिका की मां के बयान से भी पता चला है कि घर में पिछले पंद्रह दिनों से एकेडमी बंद करने को लेकर चर्चा चल रही थी। राधिका लगातार अपने पिता को समझा रही थी, लेकिन वो दिन अलग था — दीपक चुपचाप अपने कमरे में गया, लाइसेंसी पिस्टल निकाली और रसोई में काम कर रही अपनी बेटी पर गोलियां चला दीं।

बार-बार बदल रहा बयान, मानसिक स्थिति बनी पहेली


कोर्ट ने दीपक यादव को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। लेकिन पुलिस को हर बार एक नई कहानी सुनने को मिल रही है। दीपक की मानसिक स्थिति, उसका बार-बार हंसना, फिर अचानक रो पड़ना और भोजन से इनकार, सब कुछ इस केस को और भी उलझा रहा है।