प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय विदेश यात्राएं हमेशा भारत के कूटनीतिक एजेंडे में नए आयाम जोड़ती रही हैं। ऐसे ही एक अहम पड़ाव के तहत, ब्रिटेन दौरे के बाद पीएम मोदी अब मालदीव पहुंचे हैं, जहाँ उन्होंने भारत-मालदीव रिश्तों को नई मजबूती देने के लिए मालदीव के शीर्ष नेताओं से बातचीत की। इस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और संसद अध्यक्ष से मुलाकात की और क्षेत्रीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
मालदीव के उपराष्ट्रपति से भारत-मालदीव संबंधों पर चर्चाप्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मालदीव के उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ से मुलाकात की। इस मुलाकात को पीएम ने “बहुत अच्छी बैठक” बताते हुए कहा कि चर्चा का केंद्र बिंदु भारत-मालदीव मैत्री के प्रमुख स्तंभ रहे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि दोनों देश बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं और यह साझेदारी दोनों देशों के नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। पीएम मोदी ने आशा जताई कि आने वाले वर्षों में यह सहयोग और भी गहरा होगा।
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद से गर्मजोशी भरी बातचीतप्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद से भी भेंट की। पीएम ने उन्हें भारत-मालदीव मैत्री का प्रबल समर्थक बताते हुए कहा कि नशीद के साथ यह चर्चा बेहद सकारात्मक रही। उन्होंने लिखा कि मालदीव हमेशा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘महासागर दृष्टिकोण’ का एक अहम स्तंभ रहेगा। मोदी ने यह भी दोहराया कि भारत विकासात्मक सहयोग और क्षमता निर्माण के ज़रिए मालदीव के साथ अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगा।
प्रधानमंत्री ने मालदीव की संसद पीपुल्स मजलिस के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से भी मुलाकात की। इस दौरान भारत और मालदीव की संसदों के बीच सहयोग और मैत्री पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि 20वीं मजलिस में भारत-मालदीव संसदीय मैत्री समूह का गठन एक सकारात्मक पहल है जो द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देगा। साथ ही, उन्होंने भारत की ओर से क्षमता निर्माण में सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता भी दोहराई।
पहले दिन हुआ रक्षा भवन का उद्घाटन और आर्थिक साझेदारी की समीक्षापीएम मोदी शुक्रवार को मालदीव पहुंचे थे, जहां उन्होंने पहले दिन राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने रक्षा मंत्रालय के नए भवन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया और भारत-मालदीव आर्थिक साझेदारी की समीक्षा की। यह कदम दोनों देशों के सामरिक और आर्थिक रिश्तों में बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति मुइज्जू को ‘भीष्म हेल्थ क्यूब’ की दो यूनिट्स भी भेंट कीं। यह एक अत्याधुनिक पोर्टेबल चिकित्सा इकाई है, जो आपातकालीन स्थितियों में 200 घायलों को इलाज प्रदान कर सकती है। इसमें छह चिकित्साकर्मियों की टीम को 72 घंटे तक सेवाएं देने की क्षमता है। यह भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना और पड़ोसी देशों को सहयोग की नीति का स्पष्ट प्रतीक है।
पीएम मोदी का मालदीव दौरा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का मजबूत उदाहरण बनकर सामने आया है। चाहे वह रक्षा और आर्थिक क्षेत्र हो या स्वास्थ्य और संसदीय सहयोग, इस यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा और मजबूती दी है। मालदीव के शीर्ष नेतृत्व से हुई पीएम मोदी की बातचीतों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में स्थायित्व, विकास और सहयोग के लिए एक जिम्मेदार और विश्वसनीय भागीदार बना रहेगा।