पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में नौसेना का क्लर्क गिरफ्तार, मोबाइल चैट ने खोले हैरान कर देने वाले राज़

देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। दरअसल, पुलिस ने नौसेना भवन में कार्यरत एक अपर डिविजन क्लर्क (यूडीसी) विशाल यादव को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि विशाल सोशल मीडिया के जरिए संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां विदेशी एजेंसियों को भेजता था। यह गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा द्वारा नई दिल्ली से की गई।

सोशल मीडिया के ज़रिए हो रही थी जासूसी, चौंकाने वाला खुलासा


पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी-सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने जानकारी दी कि आरोपी को बुधवार 25 जून को 'शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923' के तहत गिरफ्तार किया गया। विशाल यादव मूल रूप से पुनसिका, रेवाड़ी (हरियाणा) का निवासी है। गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की संदिग्ध गतिविधियों पर राजस्थान पुलिस की ‘सीआईडी-इंटेलिजेंस’ लगातार नजर बनाए हुए थी और इस मामले में लंबे समय से निगरानी की जा रही थी।

पाकिस्तानी महिला हैंडलर से था लगातार संपर्क

जांच में सामने आया कि विशाल यादव दिल्ली स्थित ‘डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड’ में तैनात था और वह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी की एक महिला हैंडलर के संपर्क में था। यह महिला खुद को सोशल मीडिया पर 'प्रिया शर्मा' नाम से पेश कर रही थी और विशाल को पैसों का लालच देकर नौसेना भवन की गोपनीय जानकारियां भेजने के लिए उकसा रही थी। ये रिश्ता सिर्फ पेशेवर नहीं था, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक जाल जैसा था जिसमें लालच और विश्वास दोनों का इस्तेमाल किया गया।

ऑनलाइन गेमिंग और पैसों की लालच से शुरू हुई देशद्रोह की राह

गुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में एक चौंकाने वाला पहलू यह भी सामने आया कि विशाल को ऑनलाइन गेम्स खेलने की आदत लग गई थी। अपने बढ़ते खर्चों और आर्थिक तंगी के चलते उसने पाकिस्तानी महिला एजेंट से संपर्क में आकर संवेदनशील दस्तावेज साझा करना शुरू कर दिया। वह इन सूचनाओं के बदले क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) और सीधे बैंक खातों में पैसों की लेनदेन करता था। ये पूरा नेटवर्क अत्यधिक योजनाबद्ध और डिजिटल माध्यमों पर आधारित था।

मोबाइल चैट ने खोले कई खुफिया राज़

जब पुलिस ने विशाल का मोबाइल फोन जब्त किया और जांच की, तो उसमें कई गोपनीय चैट्स और दस्तावेज सामने आए। यह पाया गया कि उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के दौरान भी कई रणनीतिक जानकारियां पाकिस्तानी एजेंट को भेजी थीं। अब जयपुर स्थित केंद्रीय पूछताछ केंद्र पर विभिन्न खुफिया एजेंसियां मिलकर उससे लगातार पूछताछ कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने अब तक कौन-कौन सी जानकारियां पाकिस्तान को भेजी हैं और इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।