मेरे साथ कोई रेप नहीं हुआ, रिलेशनशिप में थी, महिला के बयान में बदलाव, दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को दी जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा को दुष्कर्म के एक मामले में जमानत दे दी। इस मामले में शिकायतकर्ता महिला ने अपने हलफनामे में यह कहा कि वह सनोज मिश्रा के साथ रिलेशनशिप में थी और उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। महिला ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने कुछ अन्य लोगों के उकसाने पर झूठी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बलात्कार का आरोप लगाया गया था।

महिला के बयान में आया बदलाव


इससे पहले, शिकायतकर्ता ने सनोज मिश्रा के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था, लेकिन अब उसने अदालत में हलफनामे के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि उसके साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ था और उसकी शिकायत पूरी तरह से झूठी थी। महिला ने कहा कि उसने आरोपियों के उकसाने पर ही शिकायत दर्ज कराई थी। उसने यह भी कहा कि यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

जमानत का आदेश और अदालत का दृष्टिकोण

जस्टिस गिरीश कठपालिया ने महिला द्वारा दायर हलफनामे पर विचार करने के बाद सनोज मिश्रा को जमानत दे दी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि, इन परिस्थितियों में मुझे अभियुक्त को हिरासत में रखने का कोई कारण नहीं दिखता। जमानत के तहत मिश्रा को 10,000 रुपये के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही राशि की जमानती पर रिहा करने का आदेश दिया गया। अदालत ने यह भी कहा कि यौन अपराधों की झूठी शिकायतें समाज में निराशा और अविश्वास पैदा करती हैं, जो असली पीड़ितों के लिए भी समस्या का कारण बनती हैं।

वकीलों का तर्क और अन्य घटनाक्रम

सनोज मिश्रा के वकील अमित चड्ढा और आमिर चौधरी ने तर्क दिया कि वह और महिला लंबे समय से लिव-इन रिलेशनशिप में थे और दोनों के बीच संबंध सहमति से थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना मध्य प्रदेश में हुई थी, इसलिए दिल्ली का इस मामले में कोई क्षेत्राधिकार नहीं है।

इसके बाद, शिकायतकर्ता ने यह बताया कि वह मिश्रा के साथ पिछले पांच वर्षों से सहमति से शारीरिक संबंध बना रही थी। उसने यह भी कहा कि किसी ने उसे उकसाया और इसलिए उसने झूठी शिकायत दर्ज की। इस पर एसएचओ थाना नबी करीम ने कहा कि पुलिस अब उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी, जिन्होंने इस झूठी शिकायत को साजिश के तहत तैयार किया था।

कोर्ट का आदेश और भविष्य की कार्रवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस आदेश की एक कॉपी संबंधित डीसीपी को भेजने का निर्देश दिया ताकि मामले में उचित कार्रवाई की जा सके। कोर्ट ने 28 मई को महिला से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि उसके आरोप सत्य हैं या नहीं, और उसके बाद ही यह मामला अदालत में सुना गया।

इससे पहले, सनोज मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट द्वारा खारिज किया गया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद, मिश्रा ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर अब फैसला लिया गया है।