दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर हुई कथित मारपीट की घटना ने तूल पकड़ लिया है। यात्री अंकित दीवान ने आरोप लगाया है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल ने उनके साथ हाथापाई की। अंकित का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ यात्रा पर थे, तभी यह घटना हुई। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है, वहीं आरोपी पायलट ने भी अपने पक्ष में आधिकारिक बयान जारी किया है।
CISF ने मदद न मिलने के आरोपों को किया खारिजहवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने इस मामले में सफाई दी है। CISF ने स्पष्ट रूप से उन आरोपों को नकार दिया है, जिनमें कहा गया था कि पीड़ित को मौके पर कोई सहायता नहीं मिली। सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, घटना से पहले ही यात्री को मदद के उद्देश्य से क्रू सिक्योरिटी लेन की ओर निर्देशित किया गया था, जहां उनकी पायलट से कहासुनी हो गई।
CISF अधिकारियों का कहना है कि घटना के बाद उन्होंने स्थिति को संभाला और यात्री को औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की सलाह भी दी गई थी। हालांकि, अंकित दीवान ने स्वयं उस समय लिखित शिकायत देने से इनकार कर दिया था, जिसका रिकॉर्ड भी मौजूद है। ऐसे में सुरक्षा बल की ओर से लापरवाही या देरी के आरोप पूरी तरह निराधार बताए गए हैं।
कैप्टन सेजवाल का जवाबी बयानपायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल ने अपने बयान में कहा है कि यह विवाद CISF अधिकारियों की मौजूदगी में ही सुलझा लिया गया था। उनके अनुसार, “दोनों पक्षों ने अपनी मर्जी से एक साझा बयान पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई न करने की सहमति दी गई थी। यह दावा कि किसी पर दबाव डाला गया, पूरी तरह भ्रामक है।”
कैप्टन सेजवाल ने यह भी कहा कि घटना के बाद से उन्हें सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणियों और समझ से परे धमकियों का सामना करना पड़ रहा है, जो न केवल दुखद है बल्कि चिंताजनक भी है।
सोशल मीडिया पर उठा मामला, पुलिस के पास अब तक शिकायत नहींयह पूरा विवाद सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक पायलट द्वारा यात्री से मारपीट का आरोप लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हैरानी की बात यह है कि पीड़ित अंकित दीवान ने सोशल मीडिया पर अपनी चोटों की तस्वीरें और आपबीती साझा की, लेकिन घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस के पास कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई।
पीड़ित अंकित दीवान के आरोपअंकित दीवान ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने बयान में बताया कि 19 दिसंबर को वह अपने परिवार और चार महीने के बच्चे के साथ स्पाइसजेट की फ्लाइट से यात्रा कर रहे थे। बच्चे और स्ट्रॉलर के कारण उन्हें स्टाफ सिक्योरिटी लाइन की ओर भेजा गया।
अंकित का आरोप है कि वहां मौजूद एयर इंडिया एक्सप्रेस के ऑफ-ड्यूटी पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल कतार तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो पायलट ने कथित तौर पर उन्हें अपमानजनक शब्द कहे और उनके चेहरे पर मुक्का मार दिया, जिससे वह घायल हो गए।
दबाव बनाने का भी आरोपअंकित ने यह भी दावा किया कि घटना के बाद उन पर मामले को आगे न बढ़ाने का दबाव बनाया गया। उनके मुताबिक, उन्हें डराया गया कि अगर वह पुलिस या कानूनी कार्रवाई के चक्कर में पड़े, तो परिवार के साथ प्रस्तावित यात्रा के लिए की गई करीब 1.10 लाख रुपये की बुकिंग रद्द हो सकती है।
इसी डर और दबाव के चलते वह उस समय औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करा सके। अब उन्होंने डीजीसीए और दिल्ली पुलिस से अपील की है कि सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखी जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
दिल्ली पुलिस लिखित शिकायत का कर रही इंतजारडीसीपी आईजीआई एयरपोर्ट, विचित्र वीर ने बताया कि यह मामला फिलहाल सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से ही पुलिस के संज्ञान में आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो पीड़ित और न ही एयरलाइन की ओर से अब तक थाने में कोई लिखित शिकायत दी गई है। जैसे ही औपचारिक शिकायत मिलेगी, कानून के मुताबिक तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की कार्रवाईमामला सुर्खियों में आते ही एयर इंडिया एक्सप्रेस ने त्वरित कदम उठाते हुए आरोपी पायलट वीरेंद्र सेजवाल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। एयरलाइन ने घटना पर खेद जताते हुए आंतरिक जांच शुरू करने की बात कही है। जानकारी के अनुसार, घटना के समय पायलट ड्यूटी पर नहीं थे और एक यात्री के तौर पर किसी अन्य एयरलाइन की उड़ान से सफर करने वाले थे।
एयरपोर्ट सुरक्षा नियमों पर भी सवालभारतीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा नियमों के अनुसार, ऑफ-ड्यूटी पायलट तभी क्रू सिक्योरिटी लेन का उपयोग कर सकते हैं, जब वे वर्दी में हों और किसी उड़ान के लिए ड्यूटी पर जा रहे हों। यदि पायलट सामान्य यात्री के रूप में, सिविल ड्रेस में यात्रा कर रहा है, तो उसे अन्य यात्रियों की तरह सामान्य सुरक्षा जांच से गुजरना होता है।