
बिहार के कैमूर जिले में एक बड़ी और चौंकाने वाली बरामदगी हुई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में मोहनिया थाना क्षेत्र के समेकित चेक पोस्ट के पास एक ब्रेजा कार से 3700 पिस अवैध कारतूस बरामद किए गए हैं। यही नहीं, इस कार में सवार दो तस्करों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे एक बड़े हथियार तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश होने की उम्मीद है।
पूछताछ के दौरान हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है कि ये कारतूस उत्तर प्रदेश के कानपुर से बिहार के नालंदा ले जाए जा रहे थे। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने नालंदा में भी दबिश दी, जहां से 740 अतिरिक्त कारतूस बरामद होने की सूचना मिली है — यह आंकड़ा गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है।
कौन हैं गिरफ्तार तस्कर?गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम शत्रुघन शर्मा है, जो उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के निवासी हैं और स्वर्गीय रामशरण शर्मा का 38 वर्षीय बेटा है। दूसरा आरोपी कुमार अभिजीत, बिहार के नालंदा जिले के मोरा तालाब गांव के राजेंद्र प्रसाद का 25 वर्षीय पुत्र है। इनके पास से पुलिस ने 3700 जिंदा कारतूस के साथ-साथ कई जरूरी दस्तावेज जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। ये सभी कारतूस पिस्तौल और राइफल में इस्तेमाल होने वाले बताए जा रहे हैं। पूछताछ में आरोपियों ने यह भी स्वीकार किया कि ये कारतूस यूपी के “अंकल जी” नामक शख्स से लाए जा रहे थे।
पुलिस का बयान: पहले से थी इनपुटइंडिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कैमूर एसपी हरिमोहन शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि उन्हें वाराणसी की ओर से एक सफेद रंग की ब्रेजा कार में अवैध कारतूस की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। इसी इनपुट के आधार पर कैमूर पुलिस और पटना की एसटीएफ ने मिलकर रविवार देर शाम कार्रवाई की। जब ब्रेजा कार को रोकने की कोशिश की गई, तो चालक फरार होने की कोशिश करने लगा। लेकिन सतर्क पुलिसकर्मियों ने कार को रोकते हुए दोनों आरोपियों को धर दबोचा।
गाड़ी की डिक्की में छिपाए गए थे कारतूसगिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि कारतूस गाड़ी की डिक्की में नट-बोल्ट की मदद से कसकर छिपाए गए थे। पुलिस ने स्थानीय मैकेनिक की मदद से कार की डिक्की खोलकर तलाशी ली, जिसमें 64 पारदर्शी प्लास्टिक पैकेट्स मिले, जो भूरे रंग के टेप से बंधे हुए थे। गिनती करने पर कुल 3700 कारतूस बरामद हुए। कारतूसों से संबंधित कोई वैध दस्तावेज दोनों में से किसी ने भी प्रस्तुत नहीं किया।
आरोपी के पिता पर भी है तस्करी का केसइस केस को और चौंकाने वाला बनाता है यह तथ्य कि गिरफ्तार आरोपी कुमार अभिजीत के पिता पर भी पहले से ही बिहार में अवैध हथियार तस्करी का केस दर्ज है। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुट गई है। नालंदा में की गई छापेमारी में भी 740 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। यह मामला न सिर्फ बिहार बल्कि आसपास के राज्यों में भी फैले तस्करी के नेटवर्क की गहराई को दिखाता है।