लंदन। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविक ने रविवार की रात साल के तीसरे ग्रैंडस्लैम टेनिस टूर्नामेंट विंबलडन में पुरुष एकल वर्ग के खिताब पर कब्जा जमा लिया। जोकोविक ने तीन घंटे 23 मिनट तक चले फाइनल में पहला सेट गंवाने के बाद इटली के सातवें वरीय मैटियो बेरेटिनी को 6-7 (4), 6-4, 6-4, 6-3 से पराजित किया। यह विंबलडन में उनका लगातार तीसरा और कुल छठा खिताब है। जोकोविक ने स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और स्पेन के राफेल नडाल के सर्वाधिक 20 ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी भी की।
जोकोविक इस मामले में रॉड लेवर के बराबर भी आए
34 वर्षीय
जोकोविक ने नौ बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन, तीन बार यूएस ओपन में तीन और दो
फ्रेंच ओपन खिताब जीते हैं। विंबलडन की ट्रॉफी अपने नाम करने के साथ ही
जोकोविक ने 52 साल पहले रॉड लेवर द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड की बराबरी की।
जोकोविक 1969 के बाद एक कैलेंडर वर्ष में तीन ग्रैंडस्लैम जीतने वाले पहले
खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले लेवर ने यह उपलब्धि हासिल की थी। यह जोकोविक
का 30वां ग्रैंडस्लैम फाइनल था। केवल फेडरर (31) उनसे आगे हैं। दूसरी
ओर,बेरेटिनी का यह पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल था। इस मुकाबले में मारिजा सीसैक
चेयर अंपायर थी। पुरुष फाइनल में अंपायरिंग करने वाली वे पहली महिला बनीं।
चार भारतीय जीत चुके हैं जूनियर वर्ग का खिताब
भारतीय
मूल के अमेरिकी समीर बनर्जी विंबलडन में जूनियर वर्ग के चैंपियन बन गए
हैं। उन्होंने फाइनल में हमवतन विक्टर लिलोव को एक घंटे 21 मिनट में 7-5,
6-3 से हराया। चार भारतीय रामनाथन कृष्णन, रमेश कृष्णन, लिएंडर पेस और युकी
भांबरी ने किसी ग्रैंडस्लैम में लड़कों का एकल खिताब जीता है। न्यू जर्सी
के 17 वर्षीय दाएं हाथ के खिलाड़ी समीर ने छह साल की उम्र में ही टेनिस
खेलना शुरू कर दिया था। वे हाल ही में फ्रेंच ओपन के पहले दौर में हार गए
थे। द
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, समीर के पिता असम
और मां आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं। अपनी जीत पर समीर ने ने कहा कि
बस भीड़ को देखते हुए, वहां बहुत सारे भारतीय थे, मेरा बहुत समर्थन कर रहे
थे। मैं सीधे भारत से नहीं हूं, मैं अमेरिकी हूं, लेकिन भारतीय रिश्तेदार
और माता-पिता होने के कारण, मैं संस्कृति और सभी चीजों का सम्मान करता हूं।