मुम्बई। विश्व कप 2023 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में मोहम्मद शमी ने जिस अंदाज में गेंदबाजी की है, उसने उन्हें आज देश का सबसे बड़ा सितारा बना दिया है। सोशल मीडिया पर वह बुधवार रात से ही ट्रेंड कर रहे हैं। हालत यह है कि उन्होंने विराट कोहली के 50वें शतक की बड़ी उपलब्धि को भी फीका कर दिया है। शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 7 विकेट झटककर टीम इंडिया को जो जीत दिलाई है, शायद यह अब क्रिकेट जगत में हमेशा याद रखी जाएगी। इस यादगार परफॉर्मेंस की बदौलत शमी ने कई पुराने रिकॉर्ड धराशायी कर उन पर अपना नाम लिख दिया है।
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 स्टार गेंदबाजी करने वाले मोहम्मद शमी ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा कि मैं इस विश्व कप में बस एक मौके का इंतजार कर रहा था और मुझे वो मौका न्यूजीलैंड के खिलाफ ही लीग स्टेज के मैच में मिला था। वहां भी मैंने बस पिच को ध्यान में रखकर गेंदबाजी की थी और ज्यादा वैरिएशन पर ध्यान नहीं दिया था और यहां भी मैंने उसी स्ट्रैटजी को फॉलो किया।
वैरिएशन पर मेरा ध्यान नहीं था- शमीशमी ने संजय मांजरेकर के साथ बातचीत में कहा कि मैंने जब इस विश्व कप में अपनी शुरुआत की तो उस वक्त ज्यादा व्हाइट बॉल क्रिकेट नहीं खेल रहा था। जब बात तेज गेंदबाजी की होती है तो लोग वैरिएशन की बात करते हैं। सभी के दिमाग में यॉर्कर या फिर स्लोअर गेंद होती है, लेकिन मैं पिच को देखकर गेंदबाजी कर रहा था, इसलिए मैंने अपनी गेंदबाजी में ज्यादा वैरिएशन लाने की कोशिश नहीं की। मेरी कोशिश होती है कि मैं नई गेंद से जितने विकेट निकाल सकूं निकाल लूं।
केन का कैच छोड़ने के बाद बहुत बुरा लगा- शमीशमी ने आगे कहा
कि हमें टॉस के वक्त यह अंदाजा था कि ओस पड़ेगी, लेकिन उतनी ओस नहीं आई।
अगर ओस आती तो हमारे लिए हालात खराब हो सकते थे, लेकिन हमारे पास डिफेंड
करने के लिए काफी रन थे। शमी ने इस दौरान केन विलियमसन के ड्रॉप कैच पर भी
बात की। शमी ने कहा कि जब मुझसे केन का कैच ड्रॉप हुआ तो मैं काफी दबाव में
आ गया था और मुझे उस वक्त बहुत बुरा लग रहा था, लेकिन निराशा को पीछे छोड़
मैंने गेंदबाजी पर ध्यान दिया।
फाइनल में पहुंचा भारतबता
दें कि विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को 70 रन से
मात दे दी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कीवियों को 398 रन का लक्ष्य
दिया था। जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 48.5 ओवर में 327 रन बनाकर ऑलआउट हो
गई। इस जीत के साथ टीम इंडिया वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है। फाइनल
में भारत का मुकाबला साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले दूसरे
सेमीफाइनल की विजेता से होगा।